प्रस्तुत पोस्ट Green Grass aur Tree Hindi Short Story एक बहुत ही प्रेरक लघु कथा है.
Green Grass aur Tree Hindi Short Story
हरी दूब और पेड़ प्रेरक हिंदी कहानी
एक विशाल आम का पेड़ था. देखने से ही लगता था कि यह पेड़ सदियों पुराना है. एक बार बहुत तेज आंधी तूफ़ान आया. और वह विशाल आम का पेड़ गिर पड़ा.

Green Grass aur Tree Hindi Short Story
जिस स्थान पर आम का पेड़ गिरा हुआ था वहीँ पास में बहुत सारी हरी हरी दूब भी थी. तेज हवा के कारण वह सरसरा रही थी. यह देख आम को बहुत आश्चर्य हुआ. आम इस लिये हैरान था कि इतनी तेज आंधी तूफान में भी इस दूब का कुछ नहीं बिगड़ा.
उसने आम से पूछा – क्यों दूब बहन! एक बात बताओ. आंधी ने मुझ जैसे शक्तिशाली और पुराने पेड़ को गिरा दिया लेकिन तुम्हारा बाल भी बांका न कर सका. ऐसा क्यों? तुम्हारी इस शक्ति का क्या रहस्य है? जरा मुझे भी बताओ.’
इस पर दूब ने कहा – इसमें रहस्य की कोई बात नहीं है. बस छोटी सी बात है. जब तेज हवा या आंधी चलती है तो तुम अपना सीना ताने खड़े रहते हो, जरा भी झुकना पसंद नहीं करते हो. मेरा क्या, जैसे ही तेज हवा चलती है मैं झुक जाती हूँ और उसके जाने के बाद आराम से लहलहाने लगती हूँ.
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बस इसी वजह से बड़ी से बड़ी आंधी मुझे उखाड़ नहीं पाती.’
इस कहानी से हमें यही सीख मिलती है कि झुकना कोई बुरी बात नहीं है. जब इन्सान का समय अच्छा नहीं हो, यानि आंधी तूफ़ान जैसे हालात हों तो देश काल के हिसाब से निर्णय लेकर पीछे हटने में कोई बुराई नहीं है.
हरी दूब से हमें यही सीख मिलती है. प्रायः ऐसा देखा जाता है कि छोटी छोटी बातों को लेकर दो लोग आपस में भीड़ जाते हैं और दोनों अपने अपने जिद के चलते अड़ जाते हैं और पीछे हटने का नाम नहीं लेते.
इसका परिणाम यह होता है कि दोनों का नुकसान होता है, दोनों मानसिक रूप से परेशान रहते हैं, कई बार तो विवाद इतना बढ़ जाता है कि मामला कोर्ट कचहरी में चला जाता है.नतीजा कुछ नहीं निकलता.
इसलिए लोगों को झुकना सीखना चाहिए. झुकने वाले लोग कमजोर नहीं होते बल्कि वे होशियार माने जाते हैं.
bohot achhi baat kahi aapne, har baat ka muh tod jawaab nahi hota kabhi vinamr aur jukaav bhi achha rehta hai 🙂
Yes u r absolutely right miss