Sachindra Nath Sanyal Life Biography in Hindi क्रांतिवीर सचिन्द्र नाथ सान्याल का जीवन परिचय
प्रस्तुत पोस्ट Sachindra Nath Sanyal Life Biography in Hindi में हम महान देशभक्त सचिन्द्र नाथ सान्याल की जीवनी का संक्षिप्त परिचय अपने पाठको को कराना चाहते हैं.
सचिन्द्र नाथ सान्याल का जन्म 3 जू न,1893 में वाराणसी (उत्तर प्रदेश) में हुआ था. उनके माता-पिता बंगाली थे और वे बनारस में रहते थे. सचिन्द्र को देशभक्ति के संस्कार अपनी माँ से मिले थे. जिसका प्रमाण है यह पत्र –“माँ से बड़ी है मातृभूमि. उसके लिए किया गया कोई भी त्याग या बलिदान कम है. प्राणों का उत्सर्ग भी कम …….” उपरोक्त पंक्तियाँ हैं जेल में बंद सचिन्द्र के नाम उस माँ के पत्र की जिसके तीन बेटे पहले ही जेल की सींखचों में बंद थे और 8 वर्ष का चौथा बेटा भी जेल जाने की जिद पकड़ रहा था.
क्रूर सरकार ने घर-सम्पत्ति जब्त कर ली थी. माँ बच्चों के साथ रिश्तेदारों की शरण में थी. गदर पार्टी ने 1915 में सारे देश की सैनिक छावनियों के भारतीय सैनिक को 21 फरवरी के दिन अंग्रेज सरकार के विरूद्ध एक साथ क्रांति हेतु तैयार कर लिया था. सचिन्द्र नाथ सान्याल को बनारस की छावनी का दायित्व सौंपा हुआ था. लेकिन इस क्रांति के बारे में सरकार को पूर्व सूचना मिल गई. अतः क्रांति आरम्भ होने से पूर्व ही सरकार ने छावनियों के भारतीय सैनिकों से हथियार रखवा लिए. 500 से भी अधिक क्रांतिवीरों को गिरफ्तार के लम्बी सजाएँ दी गई.
यातनाएं भी पथ से डिगा नहीं सका…
26 जून, 1915 को सचिन्द्र नाथ सान्याल भी पकड़े गये. उन्हें आजीवन कारावास देकर अंडमान (कालापानी ) भेज दिया गया. उनको दी जाने वाली यातनाओं के बारे में सुनकर ही उनकी माँ ने सचिन्द्र को उपरोक्त पत्र लिखा था. राज-बंदियों को रिहाई के शाही फरमान से वे 1920 में रिहा हुए, लेकिन झूठे आरोप लगा कर 1925 में पुनः कारावास में डाल दिया. 1937 में रिहा होने के बाद 1941 में पुनः गिरफ्तार कर लिया गया. यह जैसे ही जेल से छूटते पुनः ब्रिटिश सरकार के विरूद्ध गतिविधियाँ आरम्भ कर देते. अबकी बार सरकार ने उन्हें देवली कैम्प की जेल में रखा. वहाँ कुपोषण से इनका स्वास्थ्य खराब हो गया. 1945 में गोरखपुर में नजरबंद अवस्था में ही यह क्रांतिवीर सदैव के लिए चिर-निद्रा में सो गया.
सचिन्द्र भगत सिंह और चंद्रशेखर आजाद जैसे महान क्रांतिकारियो के गुरु थे. वे अनुशीलन समिति से भी जुड़े हुये थे और रास बिहारी बोस के करीबी साथी थे. उन्होंने अनुशीलन समिति की शाखा पटना में खोली थी. वे हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन के संस्थापक सदस्य थे. देश के इस वीर सपूत को विनम्र श्रद्धांजलि!
Sachindra Nath Sanyal Life Biography in Hindi के अलावे इसे भी पढ़ें:
- Youth Inspiration Bhagat Singh Biography in Hindi भगत सिंह
- Great Indian Martyr Udham Singh Biography in Hindi शहीद ऊधम सिंह
- Guru Gobind Singh Birthday in Hindi
- Ashfaqulla Khan Biography in Hindi
नोट : अगर आपके पास कोई Hindi Story, Life Story of a Personality, या फिर कोई motivational या inspirational article है जो हमारे जीवन को किसी भी तरीके से बेहतर बनाता हो तो कृपया हमारे साथ शेयर करें. आपका लेख आपके फोटो के साथ पोस्ट किया जायेगा. आपको पूरा क्रेडिट दिया जायेगा. हमारा ईमेल है : [email protected]
maine 10 lines kaha tha par ye paragraph h