आज राजेश गावली डॉक्टर से मिलकर आये हैं. काफी उदास हैं? उन्हें डॉक्टर की बातों पर विश्वास नहीं हो रहा है! डॉक्टर ने उन्हें यह बताया है कि उनकी शुक्राणु संख्या बहुत कम है और उनका शुक्राणु अनुर्वर भी है. हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के साथ ही साथ स्वस्थ शुक्राणु भी बहुत आवश्यक है. अपनी पीढ़ी को आगे तक ले जाने के लिए; संतति की प्राप्ति के लिये शुक्राणु की उचित संख्या और उसका healthy होना बहुत जरुरी है. आइये इस पोस्ट में यह जानने का प्रयास करते हैं कि वे कौन-कौन से नियम हैं जिनका पालन करने से शुक्राणु healthy बना रहता है, और पीड़ित व्यक्ति को किसी भी तरह के मानसिक अवसाद से बचाता है.

स्वस्थ शुक्राणु
खान-पान का ध्यान:
स्पर्म को हिंदी में शुक्राणु कहा जाता है, यह वीर्य का एक घटक है. कुछ लोग आम बोल चाल की भाषा में धातु भी कहते हैं. धातु का कमजोर होना, वीर्य का पतला होना, शुक्राणु की संख्या कम होना ये सारी बातें शुक्राणु health से ही जुडी हुई है. शुकाणु के निर्माण में Proteins और Carbohydrates की महत्वपूर्ण भूमिका होती है. Junk food खानेवाले लोगों की चर्बी (fat) मोटी होती चली जाती है लेकिन proper amount में प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट्स नहीं मिल पाता है. Red meat और processed food खानेवाले लोगों का शुक्राणु धीरे धीरे infertile होता जाता है. इसलिए Say No to Junk Foods. जंक फ़ूड को भूल जाएँ.
ऐसे खाद्य पदार्थों को अपने दैनिक भोजन में शामिल करें जिसमे Natural Antioxidants हों. फल, सव्जियाँ, मछलियाँ, आदि ऐसे बहुत से अनाज हैं जिसमे एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं.
प्रतिदिन व्यायाम करें:
Healthy शुक्राणु का exercise से बहुत गहरा सम्बन्ध है. लगातार किये गए स्टडी से यह पता चला है कि जो व्यक्ति रोज exercise करते हैं उनके शुक्राणु सेंट्रलाइज्ड यानि केंद्रीकृत होता है. क्योंकि वीर्य का ज्यादा पतला होना या ज्यादा मोटा होना उसकी गतिशीलता को affect करता है.
समय पर भोजन नहीं करना, सोफे पर सोये सोये घंटो टीवी देखते रहना, कोई भी physical work नहीं करना आदि नहीं करने से शुक्राणु के क्वालिटी पर असर पड़ता है. पुरुष को अपने जीवन को संतुलित रखने को इसलिए कहा जाता है ताकि उसका अंदरूनी स्वास्थ्य भी बेहतर रह सके. जरुरत से अधिक व्यायाम या जिम करना, बाजारू स्टेरॉयड्स का सेवन करना भी स्वस्थ शुक्राणु के लिये सही नहीं है.
शराब और सिगरेट को बाय बाय कहें.
अधिक मात्रा में शराब पीने से सेक्स हॉर्मोन टेस्टोस्टेरोन की मात्रा कम हो जाती है. इससे reproduction ability को हानि पहुँचती है. यह metabolism को क्षति पहुंचाता है. अधिक शराब पीने से Azoos-spermia नामक बीमारी का खतरा रहता जिसमें वीर्य से शुक्राणु ही समाप्त हो जाते हैं.
यूँ तो धूम्रपान हर प्रकार से हानिकारक होता है. अधिक धूम्रपान से पुरुषो में लिंग तनाव की समस्या उत्पन्न हो सकती है और महिलाओं में गर्भधारण करने में complication हो सकती है. सिगरेट पीने से अंडा और शुक्राणु में genetic material की मात्रा कम हो सकती है जिसकी वजह से कम वजन के बच्चे का जन्म हो सकता है. Pregnant महिलाओं को सिगरेट के smoke से भी दूर रहना चाहिए क्योंकि इससे गर्भ में पल रहे बच्चे को हानि पहुँच सकता है.
शरीर के निचले भाग को ठंडा रखें:
यह पाया गया है कि शुक्राणु का सामान्य तरीके से production होता रहे, इसके लिये अंडकोष का तापमान body temperature से 3-4 डिग्री सेल्सियस नीचे रहना चाहिए. इसलिए प्रकृति ने भी इसे शरीर के बाहर रखा है. अगर यह तापमान ज्यादा होगा तो शुक्राणु के लिये यह बहुत खतरनाक होगा.
इसलिए तो अन्तः वस्त्र साफ़ सुथरा और ढीले ढाले होने चाहिए. मोबाइल फ़ोन, हॉट टब स्नान, ज्यादा गरम पानी से स्नान, लैपटॉप, हीटर आदि से शरीर के आंतरिक अंगों को दूर रखना चाहिए ताकि इसका कुप्रभाव स्पर्म पर न पड़ सके.
तनाव या चिंता से दूर रहें
कहा गया है कि चिंता चिता के समान है. तनाव ग्रस्त इंसान के सम्पूर्ण स्वास्थ्य पर असर पड़ता है. हालाँकि मेडिकल जगत में कोई ऐसा शोध नहीं हुआ है जो यह साबित करता हो कि stress से reproductive health पर भी असर पड़ता है, लेकिन एक सामान्य जीवन और बेहतर लाइफ जीने वाले लोगों का शुक्राणु हेल्थ भी सामान्य रहता है ऐसा माना जा सकता है.
भरपूर नींद लें:
कोपेनहेगन में एक रिसर्च किया गया. इसमें लगभग एक हजार पुरुषों को शामिल किया गया.इसमें यह पता चला कि अनियमित और अपर्याप्त नींद की वजह से पुरुषों में काम प्रवृति का ह्रास होता है , साथ ही शुक्राणुओं का centralization पर 20-30 प्रतिशत तक प्रभाव पड़ता है.
ड्रग्स और उत्तेजक दवाइयों से दूर रहें
भांग, गांजा, तम्बाकू और अन्य ड्रग्स semen के लिये हानिकारक होते हैं. कभी कभी नीम हकीम भी इस तरह की दवाइयां देते हैं, यह बहुत नुकसानदायक होती है. मारिजुआना, कोकीन, अफीम, MDMA (MOLLY) भी शरीर में sperm की कमी पैदा कर सकते हैं. इन चीजों से दूर रहना चाहिए.
अपनी समस्या अपने डॉक्टर को बताएं:
एक अनुमान के मुताबिक प्रतिवर्ष लगभग दो करोड़ जोड़ी शुक्राणु की कम संख्या यानि infertility के शिकार होते हैं, और संतति को आगे नहीं बढ़ा पाते हैं. ऐसी स्थिति में तुरंत ही किसी विशेषज्ञ डॉक्टर से सलाह लें. आजकल बहुत सारे ऐसे मेडिकल test हैं जिससे आपको सब कुछ पता चल जायेगा.किसी भी तरह के मिथ या अन्य नीम हकीम के चक्कर में मत पड़े. निराश न हों, इसका समुचित इलाज उपलब्ध है.
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आपका यह महत्वपूर्ण आर्टिकल पढ़ कर अत्यन्त ख़ुशी हुई. आपका ब्लॉग बहुत ही प्रेरणा देने वाला है.
thanks form artikal .
bahutkhushi hui par kar .
main bhi ek tachnision hon
Bahut hi achi jankari di hai apne padh kar acha laga. Hume apne khan pan par dhyan dena chahiye buri adato ko bhul kar thank you is jankari ke liye.
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very informative blog post, thank you, sir