होली के लिये घर में बनायें हर्बल गुलाल और रंग/Make Herbal Gulal Play Holi Hindi Article
सरस पर्व होली में हम सब गुलाल का भरपूर उपयोग करते हैं. ऐसे भी होली तो रंग और गुलाल का ही पर्व है. जिस तरह से बाजारू गुलाल हमारी त्वचा के लिये हानिकारक होता है, इसको देखते हुए हम यहाँ घर में ही Herbal Color और Gulal बनाने के कुछ उपाय पर विचार करेंगे. आप इसे अपने घर में भी आजमा सकते हैं:
लाल रंग (Red Color)
चन्दन कई तरह के होते हैं. इसमें लाल चन्दन के powder को लाल रंग बनाने के लिये इस्तेमाल किया जा सकता है. इसे लाल गुलाल की तरह भी प्रयोग में लाया जा सकता है. यह skin के लिये अच्छा होता है. इसका प्रयोग ब्यूटी पार्लर में face पैक में भी लिया जाता है.
लाल गुलाब को भी सुखाकर उसके powder को लाल गुलाल के रूप में प्रयोग में लाया जा सकता है.
लाल रंग बनाने के लिये दो चम्मच लाल चन्दन के powder को चार से पांच लीटर पानी में मिलाकर उबालें. बाद में उसमे 15-20 लीटर पानी मिलाया जा सकता है.
दूसरी तरफ लाल अनार दाना भी लाल रंग का अच्छा स्रोत है. इसे भी पानी में उबालकर लाल रंग तैयार किया जा सकता है.
हरा रंग (Green Color)
कोई भी अच्छा सा मेहँदी powder लें. उसमे बेसन और आटा मिला लें. सूखी मेहँदी चेहरे पर बाजारू रंग की तरह रंग नहीं छोडती. इसे आसानी से छुड़ाया भी जा सकता है. यदि इसपर पानी भी पर जाय तो इसका रंग उतना गाढ़ा नहीं चढ़ता, यदि यह बालों में ले जाए तो इससे नुकसान की बजाय फायदा ही होगा क्योकि लोग तो ऐसे भी बालों में मेंहंदी powder लगते ही हैं.
गेंहू के पौधे (हरे रंग का होता है), पुदीना, धनिया और पालक की पत्तियों को सुखाकर इसका powder बना लें और हरे गुलाल की तरह प्रयोग में लायें.
यदि हरा रंग बनाना हो तो मेंहंदी powder को पानी में घोलकर उसमे धनिया, पुदीना, पालक आदि के powder को पानी में डालकर इसे तैयार कर सकते हैं.
नारंगी रंग (Orange Color)
यदि आप नारंगी रंग का गुलाल बनाना चाहते हैं तो हल्दी powder और बेसन को एक अनुपात दो में मिला लें. ऐसे भी यह हमारी त्वचा के लिये काफी फायदेमंद होता है. पारंपरिक हिन्दू शादी विवाह में उबटन इसी से बनाया जाता है.
नारंगी रंग बनाने के लिये पलाश और टेसू रंगों का ट्रेडिशनल source हैं, इस दोनों के फूलों को पानी में उबालकर रात भर छोड़ दें, इससे नारंगी रंग तैयार हो जाता है. भगवान श्री कृष्ण गोकुल में गोपियों के साथ टेसू के फुल से होली खेलते थे. इसका प्रयोग कई आयुर्वेदिक दवाइयाँ बनाने में भी किया जाता है.
जामुनी रंग (Purple Color)
चुकंदर यानि beetroot, जामुनी रंग का सबसे अच्छा source है. एक किलो चुकंदर को कद्दूकस करके 1-2 लीटर में डालकर रात भर छोड़ दें. इससे बेहतरीन जामुनी रंग तैयार हो जाएगा.
पीला रंग/ संतरी रंग (Yellow Color)
संतरी रंग या पीला रंग बनाने के लिये केसर का प्रयोग किया जाता है. यह थोड़ा महंगा होता है लेकिन उच्च क्वालिटी का होता है. केसर की कुछ पत्तियों को पानी में मसलकर 2 घंटों के लिये छोड़ दें. अब इसमें और पानी मिलाकर प्रयोग कर सकते हैं.
40 -50 गेंदे के फूल को पानी में मसलकर उबाल दें, इससे भी पीला रंग तैयार हो जाता है.
नीला रंग (ब्लू कलर)
जकरांदा के फूल को सुखाकर powder बना लें इससे नीले रंग का गुलाल तैयार हो जायेगा.
इस प्रकार उपरोक्त तरीके से हर्बल गुलाल और रंग घर में ही बनाया जा सकता है. सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इसका हमारी त्वचा पर या स्वास्थ्य पर कोई बुरा प्रभाव नहीं पड़ता, हां इसे बनाने के लिये आपको थोड़ी मेहनत तो करनी पड़ेगी.
होली का गीत सुनने के लिये इस लिंक पर क्लिक करें : होली के गीत
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बढ़िया जानकारी दी है आपने पंकज जी !!