Amazing Advertisement World Hindi Essay/ विज्ञापन की अनोखी दुनिया हिंदी निबंध
विज्ञापन! विज्ञापन और विज्ञापन!!! जहाँ देखिये वहां विज्ञापन। बड़े- बड़े सितारे, स्पोर्ट्स स्टार्स, आपको किसी न किसी चीज का विज्ञापन करते नजर आयेंगे. विज्ञापन हमारे सुबह बिस्तर छोड़ने से लेकर रात में बिस्तर में जाने तक चारों ओर दिखाई देते रहते हैं। मोबाइल, दूरदर्शन, रेडियो, समाचार-पत्र, पत्रिकाऐं आदि सभी विज्ञापनों के माध्यम बन चुके हैं। यहाँ तक कि गली-मोहल्ले में दीवारें भी इनसे अलंकृत रहती हैं। वास्तविकता में विज्ञापन, लोगों तक अपनी बात पहुँचाने का सर्वश्रेष्ठ साधन है, क्योंकि इनमें जनमानस को प्रभावित करने की अद्भुत क्षमता होती है।
विज्ञापन अपनी क्षमता से एक दिन में किसी वस्तु की माँग बढ़ा भी सकते हैं और घटा भी सकते हैं। इस कारण वर्तमान समय में व्यापारिक संस्थायें अपने व्यापार को बढ़ाने के लिए इनका प्रयोग करती हैं। विज्ञापन की सहायता से अविवाहित युवक-युवतियों को सुयोग्य जीवनसाथी, बेरोजगारों को रोजगार, नेताओं को अपनी नीतियों का प्रचार तथा लोगों को नवीन वस्तुओं की जानकारी प्राप्त करने में सहायता मिलती है। विज्ञापन लाखों लोगों की जीविका का प्रमुख साधन भी हैं।
विज्ञापन अति प्रभावकारी
समाचार-पत्रों, पत्रिकाओं में प्रकाशित ‘क्लासीपफाइड विज्ञापन’ रोजगार, शिक्षा, ज्योतिष, नाम-परिवर्तन, गुमशुदा की तलाश, सौंदर्य, क्रय-विक्रय आदि विभिन्न क्षेत्रों को उजागर करते हैं। वर्तमान में शायद ही ऐसा कोई विषय हो, जिस पर विज्ञापन का प्रभाव न पड़ा हो।
सभी ओर विज्ञापन का ही प्रभुत्व है। यहाँ तक कि जब दूरदर्शन में राष्ट्रीय कार्यक्रमों के अन्तर्गत अत्यन्त महत्त्वपूर्ण समाचार-वाचन हो रहा होता है तो उसे बीच में रोककर किसी न किसी वस्तु का विज्ञापन दिखा ही दिया जाता है। विज्ञापनों के ही कारण आज मनुष्यों में एक-दूसरे को नीचा दिखाने की होड़ लगी हुई है। आज यदि पड़ोसी के बच्चे के हाथ में कोई नया सामान दिखता है तो कल वही सामान न चाहते हुए भी बच्चों की खातिर स्वयं ही लेकर आना पड़ता है क्योंकि बच्चा आज देखे या कल, उसे विज्ञापनों के द्वारा इस नई वस्तु के विषय में जानकारी प्राप्त हो ही जाएगी या हो गई होगी।
विज्ञापन के किसी पोस्टर को देखकर या उसमें बने चित्र को देखकर कभी-कभी स्वयं को भी यह आभास होता है कि मैं भी इसके समान नजर आऊँ या पिफर वह सामान ही खरीद कर ले आऊँ। सुबह उठते ही आपका मन चाहे या न चाहे, आपके घर में टी॰वी॰ चले या न चले, लेकिन आपको विज्ञापन सुनने या देखने को मिल ही जाते हैं, कभी तेल का, कभी चाय का, तो कभी साबुन का ही विज्ञापन होता है कि आपकी त्वचा को कोमल और मुलायम रखे या मेरे लंबे काले घने बालों का राज – डाबर आँवला केश तेल। ये सभी आपको कहीं न कहीं सुनाई पड़ ही जाते हैं। विज्ञापनों का प्रभाव इतना प्रभावशाली होता है कि यदि दो व्यक्ति आपस में ही बात क्यों न कर रहे हों, उनकी बातों के बीच में कहीं न कहीं विज्ञापन का ज़िक्र अवश्य ही होता है।
विज्ञापन तेरे कितने रूप
जहाँ तक विज्ञापनों के माध्यम का सवाल है तो विज्ञापनों के विभिन्न माध्यम होते हैं। विज्ञापनों के माध्यम में मोबाइल, टीवी, पत्र-पत्रिकाओं और समाचार-पत्रों का विशेष महत्त्व है। विज्ञापन करने के लिए पोस्टरों, विज्ञापन बोर्डों, बस तथा रेलगाड़ियों, स्टेशनों तथा स्टीकरों का भी प्रयोग किया जाता है क्योंकि ये मनोरंजन का माध्यम और लोकप्रिय भी होते हैं। वास्तव में यदि देखा जाए तो वर्तमान में मनुष्य जितनी भी सुख-सुविधाओं में लिप्त है, उसे उनकी जानकारी विज्ञापन के द्वारा ही प्राप्त होती है। देश के कोने-कोने में जितने भी मंदिर तथा पर्यटन स्थल हैं और वहाँ जितनी भी भीड़ दिखाई देती है वे सब विज्ञापनों के माध्यम से ही है। लोग विज्ञापनों को देखकर या सुनकर ही अपने घूमने का स्थान तय करते हैं।
आज हम विज्ञापन सुनकर या देखकर ही घर पर कोई नया सामान लाते हैं। आज लोग जितने भी प्रकार के भोज्य पदार्थों को ग्रहण करते हैं। वे सभी विज्ञापनों के माध्यम से ही उन तक पहुँचते हैं। अब आप रिपफाइन्ड तेलों में सफोला, सनफ्लावर, फार्चून या धारा का ही नाम सुन लीजिए।
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यह अधिकांशतः सभी के घरों में उपलब्ध होता है। अब आप फोन को ही ले लीजिए, आज बी.एस.एन.एल. जिओ, एयरटेल या रिलायन्स का नेटवर्क घर-घर में एक स्थान से दूसरे स्थान को जोड़ने का काम करता है।
शिक्षा से सम्बन्धित विज्ञापन तो इस प्रकार प्रस्तुत किये जाते हैं कि इन्हें पढ़ने, सुनने के बाद लोग दुविधा में पड़ जाते हैं कि यदि आठवीं फेल, दसवीं फेल विद्यार्थी सीधे बी॰ए॰ कर सकता है तो तीन वर्षों तक महाविद्यालय में पढ़ाई करने की क्या आवश्यकता है?
आज की नई फिल्म में हीरो-हीरोइन कौन-से कपड़े पहने हैं, उन्होंने कौन-से हेयर-स्टाइल का प्रयोग किया है। वह सब कुछ तुरन्त ही आपको लोगों के घरों में देखने को मिल जाता है क्योंकि हम उनसे तुरन्त प्रभावित हो जाते हैं। वास्तव में आज का मनुष्य अपने आप में एक विज्ञापन बन कर रह गया है।
हम इन उदाहरणों से ही ज्ञात कर सकते हैं कि विज्ञापनों की दुनिया कितनी चकाचौंध भरी होती है कि वह स्वयं ही सभी को अपनी ओर आकर्षित करने का सामर्थ्य रखती है। विज्ञापन हमारे जीवन को सबसे ज्यादा नाटक, मेलों, वीडियो, सिनेमा, दूरदर्शन, रेडियो, संगीत आदि के माध्यम से प्रभावित कर रहा है क्योंकि आज सभी साधन मनुष्य के दैनिक उपयोग में सम्मिलित होने लगे हैं। वास्तविकता में मनुष्य इन सभी सुविधा साधनों की अनुपस्थिति में जीने की कामना करने मात्र से ही डर जाता है। विज्ञापनों से उनके उत्पादकों को तो अनेकों लाभ प्राप्त होते ही हैं, साथ में सबसे बड़ा लाभ तो यह है कि समाज के रहन-सहन में सुधार तथा सभ्यता का विकास होता है।
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आज आप किसी भी राजनेता या राजनैतिक पार्टी को ही लें. वे अपने बजट का अहम् हिस्सा विज्ञापन पर खर्च करते हैं. अपनी पार्टी या अपनी सरकार द्वारा किये गए कार्यों को आम जनता तक पहुंचाने के लिए हर तरह के विज्ञापन माध्यम को चुनते हैं.
अन्ततः कहा जा सकता है कि वर्तमान समय में जीवन के प्रत्येक क्षेत्रा में विज्ञापन अपनी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
Achhipost says
nice infomation…thanks for sharing
Rekha says
आपकी बात सही है – वर्तमान समय में जीवन के प्रत्येक क्षेत्रा में विज्ञापन अपनी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। जानकारी के लिये धन्यवाद।