Bridegroom Selection Hindi Story /वर का चुनाव हिंदी कहानी
यह कहानी यूनान के एक छोटे से स्थान एपिरस की है. एपिरस के पहाड़ी क्षेत्र के पास एक अमीर व्यक्ति ‘अल्क्मन’ अपनी गुणवती और सुशील कन्या ‘पेनिलोप’ के साथ रहता था. उसके पास बहुत सारे पशु थे.
एक दिन पिता अल्क्मन ने पुत्री से कहा – ‘बेटी! अब तुम विवाह योग्य हो गयी हो. मैं चाहता हूँ कि तुम्हारी शादी तुम्हारी इच्छानुसार हो. बताओ, तुम किससे विवाह करना चाहती पसंद करोगी?’
पेनिलोप ने सोचते हुए कहा- ‘पिताजी! मैं वैसे इंसान से शादी करूंगी जो संसार का सबसे गरीब व्यक्ति होते हुए भी सबसे अमीर हो.’
अल्क्मन को इस प्रकार का अजीब उत्तर सुन बड़ी उलझन और चिंता हुई.
अपने पिता को इस प्रकार उलझन में देख पेनिलोप ने कहा- ‘पिताजी! आप परेशान न होइए. आप सिर्फ इस सन्देश को चारों तरफ भिजवा दीजिये. मुझे लगता है कोई न कोई जरुर आएगा हमारे पास!’
अपनी पुत्री के इच्छानुसार अल्क्मन ने कुछ संदेशवाहकों को चारों दिशाओं में सन्देश फ़ैलाने भेज दिया.
कुछ ही दिनों बाद कई युवक शादी के लिये आये. पेनिलोप सज धज कर बाहर आयी और अपने पिता के पास जा बैठी.
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कुछ युवक बड़े सुन्दर लग रहे थे. उन्होंने बहुमूल्य कपडे पहन रखे थे और पीछे खच्चरों पर हीरे जवाहरात लदवाकर लाए थे ताकि उनकी अमीरी दिख सके.
वे बोले – ‘हम तुमसे विवाह की इच्छा रखते हैं. हममें से तुम किसी को पसंद कर लो.’
पेनिलोप ने उनसे पूछा – ‘यह बताओ कि तुम सब धनी होते हुए भी संसार के सबसे गरीब व्यक्ति कैसे हो.’
‘माना कि हम अमीर हैं. फिर भी हमारे पास संसार की बहुमूल्य वस्तु नहीं है. वह हो तुम!’ – वे बोले.
इसके बाद कुछ और वीर योद्धा आगे बढे. उन्होंने बताया कि वे अमीर नहीं हैं. लेकिन उन्होंने वादा किया कि अपनी तलवार के बल पर और अन्य योद्धाओं की मदद से इस संसार को जीत लेंगे और अमीर बन जायेंगे.
‘बिना अन्य योद्धाओं की मदद के तुम सब बेकार हो’. – पेनिलोप ने कहा.
फिर कुछ युवक आगे बढे. उनके हाथों में संदुकची थी. उनमें बहुत अमूल्य रत्न थे. वे रत्न उन्होंने पेनिलोप को भेंट करने चाहे. उसे भेंट करने के बाद वे गरीब हो जाते.
पेनिलोप ने उनसे कहा – ‘ तुम लोग पहले अमीर हुए और बाद में गरीब. एक ही समय में दोनों हालातों में नहीं हो सकते.’
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सबसे बाद में एक तंदुरुस्त नौजवान आया. उसने पुराने और बदरंग कपडे पहने हुए थे. उसे देखते ही वहां उपस्थित सभी लोग हंस पड़े. अल्क्मन ने भी मजाक करते हुए कहा – ‘तुम मेरी लड़की से शादी करना चाहते हो. तुम्हारे पास दौलत कहाँ है?’
“मैं अपनी दौलत हमेशा अपने पास रखता हूँ.’ – इतना कहते हुए उसने अपने थैले से एक सुई निकाली.
अल्क्मन के हाथ में उसे थमाते हुए बोला – ‘ मैं सुई से सुन्दर सुन्दर कोट बना सकता हूँ.’
फिर उसने कहा कि वह लुहार भी है. एक घंटे के अन्दर अस्तबल के सारे घोड़ों के पैर में नाल ठोक सकता है. वह अच्छा खाना भी बना सकता है. युवक की ये बातें सुन सभी लोग आश्चर्यचकित हो उसकी तरफ देखने लगे.
अल्क्मन भी मुस्कुरा रहा था. उस युवक के चेहरे पर गर्व के भाव थे.
पेनिलोप उठी और उस युवक के पास जाकर खड़ी हो गयी. फिर अपने पिता अल्क्मन से बोली – ‘पिताजी! इसके पास न रत्न है न यह योद्धा है, इसलिए गरीब है. लेकिन इसके पास बहुत बड़ी दौलत है वह है इसका दिमाग और इसकी काबिलियत. मुझे ऐसे ही युवक की अपने पति के रूप में तलाश थी.’ अल्क्मन ने अपनी बेटी की शादी उसी युवक से कर दी.
इस कहानी का अभिप्राय यह है कि यदि आपके पास ज्ञान या बुद्धि या दिमाग या काबिलियत है तो आपके पास सफलता जरुर आयेगी. इसलिए काबिल बनने का प्रयास करना चाहिए और कुछ न कुछ सीखते रहना चाहिए.
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Surbhi chaturvedi says
Right …. Bilkul sahi zindgi ka har pal humko kuch na kuch sikhata agar sikhna chaho to