नौकरी ढूँढने का सही तरीका हिंदी टिप्स / Job Searching Proper Method Hindi Tips
आज देश में जिस तरह से Unemployment बढ़ गया है, उसको देखते हुए लगता है कि Jobs का अकाल पड़ गया है. बेरोजगारों की संख्या Year – by- year वर्ष बढती ही जा रही है.
प्रतिवर्ष लाखों छात्र विद्यालयों और विश्वविद्यालयों से विविध परीक्षाएँ उत्तीर्ण कर नौकरी की तलाश में निकल पड़ते हैं. जिनमें से सभी को नौकरी नहीं मिल पाती नतीजा सामने है – Unemployed लोगों की बढ़ती संख्या.
दूसरी ओर newspapers और job portals पर नौकरियों के विज्ञापन देखते हुए लगता है, जैसे नौकरियों की कोई कमी नहीं है, कमी है तो उसके योग्य बनने की. प्रायः प्रतिदिन पत्र – पत्रिकाओं में ‘आवश्यकता है’ शीर्षक के अंतर्गत अनेक advertisements दिखाई पड़ते हैं. कई बार तो एक ही कंपनी के विज्ञापनों की पुनरावृत्ति कई – कई दिन तक होती रहती है. कभी-कभी यह पुनरावृत्ति कुछ अंतराल से भी होती है, जिसका सीधा-सा मतलब है योग्य व्यक्तियों का अभाव.
एक तरफ बेरोजगारों की धारणा है कि नौकरी मिलती नहीं, हर जगह भाई-भतीजावाद, रिश्वतखोरी आदि का बोलबाला है: दूसरी ओर employers का कहना है कि उन्हें suitable candidates नहीं मिलते. वस्तुतः नौकरी उसी व्यक्ति को दी जाती है, जो पद के अनुकूल विशेष योग्यताएँ रखते हैं. Corruption कितना ही हो, लेकिन नियुक्तियों में अपेक्षित शर्तों और कायदे- कानूनों को पूरी तरह नजरअंदाज नहीं किया जा सकता.
Read this post : Job Interview Preparation Hindi Tips साक्षात्कार
यह बात भी ध्यान देने योग्य है – चाहे संस्थान सरकारी हो या निजी सभी को अपने कर्मचारियों से उचित एवं व्यवस्थित कार्य और उसके उचित परिणाम की अपेक्षा रहती है, तो तभी संभव है, जब कर्मचारी विशेष योग्यताधारी और कुशल हों.
इसका मतलब यह हुआ कि पद के योग्य बनना नौकरी की पहली शर्त है. अधिकांश युवा प्रत्याशियों को यह जानकारी ही नहीं होती कि पद के अनुकूल योग्यताएँ कहाँ से और कैसे अर्जित की जाएँ. वे बस Academically अपने academic qualifications बढ़ाते रहते हैं और समझते हैं कि हमने इतना पढ़ –लिख लिया, फिर भी मुझे नौकरी क्यों नहीं मिलती, यानी वे बी.ए., एम.ए. करके यह अपेक्षा रखते हैं कि नौकरी उनके पास चल कर आएगी: जबकि आज बढ़ते हुए रोजगार के अवसरों के मद्देनजर अकादमिक उच्चतर शिक्षा से अधिक महत्वपूर्ण यह है कि रोजगार के इन बढ़ते अवसरों को पहचाना जाए और फिर उनके अनुकूल Technical /तकनीकी या vocational/व्यावसायिक योग्यताएँ अर्जित की जाएँ.
Read this post : Free IAS Coaching Via YouTube
दूसरी महत्वपूर्ण बात है कि नौकरी ढूँढने के तरीके की आमतौर पर विज्ञापन देखते ही लोग फटाफट आवेदन पत्र तैयार करके भेज देते हैं. कुछ प्रत्याशी तो चार कदम और आगे बढकर पहले से ही अपना resume/बायोडाटा तैयार रखते हैं, तथा विज्ञापन या अन्य किसी स्रोत से नौकरी संबंधी मिली जानकारी के आधार पर तुरंत बायोडाटा भेज देते हैं. वे यह समझने लगते हैं कि बस नौकरी के लिए बुलावा आता ही होगा. यूं देखा जाए तो नौकरी ढूँढने का भी एक तरीका होता है, जिसके मुख्यतः पांच चरण होते हैं – प्रारंभिक तैयारी, आवरण पत्र, आवेदन पत्र, साक्षात्कार में कुशलता और समय – समय पर किया गया फालोअप. इनमें से अगर एक का भी अनुसरण नहीं किया जाता, तो नौकरी की संभावना कम हो जाती है.
इसके लिये प्रारंभिक तैयारी का महत्व
नौकरी ढूँढने के लिए प्रारंभिक तैयारी सबसे महत्वपूर्ण चरण है. इस तैयारी में आपकी कमजोरियों और प्रवीणताओं का लेखा – जोखा शामिल है. अपनी पसंद के कार्य, वातावरण और कार्य की प्रकृति के बारे में अच्छी तरह सोच – समझ कर उसे सूचीबद्ध करें. फिर किसी एक को कैरियर के रूप में चुन लें. आजकल बाजार में कौन सी कंपनियां आपको इन सभी रूचियों के अनुसार सही बैठती हैं, इसका भी चयन कर लें जिस कंपनी में जाना चाहते हों, उसके बारे में पूरी जानकारी इकट्ठी कर लें. खुद को एक product की तरह तैयार करें और जिस तरह विज्ञापन में उत्पाद की विशेषताओं को highlight करके उसका marketing किया जाता है, खुद की खासियतों को उजागर करते हुए आवेदन करें. नेटवर्किंग जरूर करें, ताकि सही नौकरी तक पहुंचा जा सके.
आवरण पत्र या covering letter का महत्व
नौकरी ढूंढते के लिए एक शानदार covering letter दूसरा चरण है. Covering letter में किसी- न – किसी व्यक्ति का नाम पद जरूर लिखा होना चाहिए. Covering letter का पहला पैराग्राफ इस तरह का होना चाहिए कि पढनेवाले की रुचि जग सके. कृपया जैसे शब्दों का अधिक प्रयोग न करें. थोड़ी स्वाभिमानी भाषा होने से आपके आत्मविश्वास का पता चलता है. Covering letter की भाषा में स्वाभिमान एवं नम्रता के साथ – साथ आत्मविश्वास भी झलकना चाहिए.
आवेदन पत्र / application letter कैसे बनाये
अब बारी आती है आवेदन पत्र की. Application letter में शिक्षा का पूर्ण विवरण, कार्यानुभव व विशेष प्रशिक्षण आदि का विवरण भी देना चाहिए. एक आवेदन पत्र में नाम, पता, कैरियर से संबंधित प्रवीणतायें, रूचियां, पूर्ण किए गए कार्य आदि का विवरण भी अपेक्षित है.
साक्षात्कार/ Interview की तैयारी
Interview में भी प्रवीणता प्राप्त करने का अभ्यास करते रहें. Interview की स्थिति तक पहुँचने पर सफलता का मौका हाथ से न जाने दें. यह याद रखें कि Interview में आपका पहला प्रभाव अंतिम निर्णय को प्रभावित करेगा. पहले पांच मिनट में ही आपके चयन का निर्णय हो जाता है. इसीलिए साक्षात्कार में सफलता के लिए विषयगत ज्ञान एवं बातचीत में कुशल होना जरूरी है.
Interview में पहनावे का भी ध्यान रखें. सवाल पूछे जाने का इंतजार न करके खुद भी बातचीत को आगे बढ़ा सकते हैं. जिस तरह कोई कंपनी उत्पाद की खासियतों को उजागर करते हुए आत्मविश्वास के साथ बाजार में उतरती है, उसी तरह साक्षात्कार में आपको अपनी मार्केटिंग करनी पडती है.
Follow Ups / फालोअप
फालोअप प्रक्रिया Interview के बाद का चरण है, एक हफ्ते के अंदर फालोअप के तहत, जहाँ Interview दिया है, संपर्क किया जा सकता है कि आवेदन पत्र की ताज़ा स्थिति क्या है. या फिर Interview हो जाने पर ‘थैंक्यू नोट‘ भी भेज सकते हैं. इससे फायदा यह होता है कि आपका नाम लोगों को याद रह जाता है और अवसर आने पर आप अपनी पसंद बन जाते हैं.
मुझे लगता है कि ऊपर दिए गए बातों पर ध्यान दिया जाय तो आपके नौकरी मिलने की संभावना बढ़ जाती है. साथ ही ये steps आपको एक प्रोफेशनल तरीके से अवगत कराता है और employers की नजर में आपको खास यानि थोडा सा स्पेशल तो जरुर बना देता है.
Join the Discussion!