यह कहानी एक गरीब युवक की है. वह गरीब युवक कमाने के लिए गांव से शहर आया. कुछ समय बाद उसको अच्छी नौकरी मिल गयी.
इसी दौरान उसके कई भी दोस्त बन गए. इनमें से एक दोस्त का घर रास्ते में ही पड़ता था। दोनों ऑफिस साथ -साथ जाया करते थे।
वक़्त बीतता गया, काम चलता रहा। अब उसे नौकरी में भी तरक्की मिल गयी थी. तनख्वाह भी अच्छी खासी हो गयी थी. वह बहुत खुश था।
आज उसका जन्म दिन है. वह आज बहुत प्रसन्न है. ऑफिस में लोगों ने जन्म दिन की बधाइयाँ दी. शाम को ऑफिस से छूटते ही अपने दोस्तों को साथ ले शहर के एक बड़े होटल में जबरदस्त पार्टी की. पार्टी समाप्त होते ही सारे दोस्त अपने-अपने घर चले गए गए।
वह गरीब युवक यहाँ आकर इतना घुल-मिल गया कि उसे आपने माँ-बाप, भाई-बहन का जरा भी ख्याल नहीं आया. गांव में
माँ-बाप ने अपने बेटे के लिए मंदिर जाकर पूजा की. ईश्वर से अपने बेटे की लंबी उम्र की कामना की.
उसके घर वाले वहां उसपर आस लगाए बैठे थे कि शहर से उनका बेटा आएगा तो सब मुश्किल हल हो जाएगी। लेकिन वह सब भूल गया था. उसे दोस्तों के साथ घूमना, पार्टी करना, फोन पर बातें करना यह करने के लिए उसे समय था, लेकिन अपने घरवालों की ओर कभी ध्यान ज्ञान ही नहीं गया.
पैसों से घर खरीदा, कार ख़रीदी, एक बार भी अपने घर वालों को बुलाना उसने जरुरी नहीं समाझा। ऐशो आराम की सारी चीजें खरीदी, सब कुछ पा लिया।
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एक दिन वह अचानक बीमार हुआ, अस्पताल में भर्ती हुआ. रात हुई दवाइयां लेने के बाद डॉक्टर ने उसे आराम करने को कहा।
जब वह सोया तो गहरी नींद में चिल्लाने लगा. माँ-बाबा … माँ-बाबा … माँ-बाबा… रात भर यही चलता रहा. डॉक्टर ने दवाइयां दी लेकिन असर नहीं हो रहा था।
आखिर में सुबह डॉक्टर ने उसके घर सन्देश भिजवाया कि उनका बेटा बीमार है, और यहाँ हॉस्पिटल में भर्ती है. माँ-बाप को जैसे ही पता चला, वे भागे चले आये. माँ ने बेटे को देखते ही अपने सीने से लगाया। उनको देखते ही उसके स्वास्थ्य में बहुत सुधार हुआ. डॉक्टर ने उसे उसी दिन अस्पताल से घर भेज दिया. मानो माँ-बाप उसके लिये दवाइयां बनकर आये थे.
उसने पैसों से दुनिया की सारी चीजें खरीदी. पैसों से दोस्त, डॉक्टर, नर्स, दवाइयां सबकुछ उसने पा लिया. सबकुछ मिला, लेकिन माँ-बाप नहीं!
पैसा अच्छा जीवन जीने के लिए आवश्यक है लेकिन माँ, बाप या अन्य कोई रिश्ता भी बहुत जरुरी होता है. कमाने के पीछे रिश्तों को गवाना बेबकूफी है.
दोस्तो, यह कहानी रवि चव्हाण, नांदेड़, महाराष्ट् के रहनेवाले हैं, ने भेजी है. अभी रवि एक छात्र हैं और पढाई करते हैं. अपने आस-पास की घटनाओं को देख उसे शब्दों में पिरोकर कहानी लिखना उनका शौक है. बेहतरलाइफ डॉट कॉम की ओर से रवि को बहुत बहुत धन्यवाद ! मैं इनके उज्ज्वल जीवन की कामना करता हूँ.
उनका संपर्क ईमेल है : [email protected]
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sufia ghosh says
maa baap ka dil duniya se bhi bara h agar maa baap h to duniya ki har ek dolat us saksh ke pas h!!!!!! love u mom dad