Gadhe Kaa Aalap Hindi Story गधे का आलाप हिंदी कहानी
एक गाँव में एक धोबी रहता था. उसके पास एक गधा था. धोबी रोज सुबह कपड़ों का गट्ठर गधे की पीठ पर लादकर नदी पर जाता और शाम ढले घर लौटता. इतनी मेहनत के बाद भी गधे को यह शिकायत रहती कि उसका मालिक उसे पूरा खाने को नहीं देता. बेचारा गधा मौका देखकर आसपास के खेतों में घुस जाता और वहाँ उगनेवाली फसल खा जाता.
![Gadhe Kaa Aalap Hindi Story](https://www.behtarlife.com/wp-content/uploads/2017/02/gadhe-kaa-aalap-hindi-story-300x239.jpg)
Gadhe Kaa Aalap Hindi Story गधे का आलाप हिंदी कहानी
इसी तरह एक दिन घुमते-फिरते गधे की मुलाकात एक लोमड़ी से हो गई. शीध्र ही दोनों में मित्रता हो गई और भोजन की तलाश में वे साथ-साथ रहने लगे.
एक रात किसी खेत में घुसकर दोनों तरबूजों पर हाथ साफ कर रहे थे. बहुत दिनों बाद खाने को मिले थे, सो गधा कुछ ज्यादा ही तरबूज खा गया. भरपेट खाने के बाद गधा का मूड बन गया और उसका मन किया कि गाना गाया जाए. उसने लोमड़ी से कहा कि आज वह इतना खुश है कि अपने मन की भावना को गाकर प्रकट करना चाहता है.
लोमड़ी चतुर थी, सो आने वाले खतरे को तुरंत भांप गई. लोमड़ी चिंतित स्वर में बोली, “बेवकूफ मत बनो. यदि तुमने गाना शुरू किया तो इस खेत के रखवाले तथा दूसरे गाँव वाले जाग जाएंगे और मार-पीटकर हमारी हड्डी-पसली एक कर देंगे.”
लेकिन गधा तो आखिर गधा था, समझदारी की बात भला कैसे पल्ले पड़ती.
Gadhe Kaa Aalap Hindi Story के अलावे इसे भी पढ़ें: सड़े आलू हिंदी कहानी
यह सुनकर गधा बोला, ”तुम बेहद नीरस प्राणी हो. गाने से तो दिल-दिमाग व शरीर तरोताजा रहता है. मैं तो जरूर गाऊंगा, चाहे कोई क्यों न आ जाए.”
अब लोमड़ी की चिंता और बढ़ गई, क्योंकि गधा गाने पर अड़ा था और खेत के रखवाले वहीं पास सोए पड़े थे.
लोमड़ी गधे से बोली, “गाना गाने से पहले जरा रूको. मैं भागकर सुरक्षित स्थान पर पहुंच जाती हूँ, तब तुम गाना शुरू करना.” कहकर लोमड़ी ने बिना एक क्षण गंवाए खेत की बाड़ फांद कर वहां से भाग निकली.
इधर खेत में बैठे गधे ने छेड़ दिया अपना गदर्भ- राग. इतनी रात गए अचानक गधे की बेसुरी ‘ढेंचू-ढेंचू’ सुन खेत का मालिक जाग गया. उसने लाठी उठाई और भाग चला गधे की ओर.
गधा अभी भी मस्ती में बैठा अपना राग अलाप रहा था.
खेत के मालिक ने जब अपनी फसल की दुर्दशा देखी तो गुस्से में आकर लाठी लेकर गधे पर पिल पड़ा. गधे की इतनी पिटाई हुई कि वह अधमरा-सा हो गया. किसी तरह जान बचाकर गधा खेत से बाहर निकलने में सफल हुआ. उसका हाल-बेहाल था, चलते भी न बन पा रहा था.
उसकी मित्र लोमड़ी जो पास की झाड़ियों में जा छिपी थी, गधे की यह हालत देख सहानुभूति भरे स्वर में बोली, “मुझे तुम पर तरस आ रहा है, मैंने तुम्हें मना भी किया था कि मत गाओ, लेकिन तुमने मेरी एक न सूनी.”
अब गधे को अपनी मूर्खता का अहसास हुआ और उसका सिर शर्म से झुक गया.
Gadhe Kaa Aalap Hindi Story के अलावे इसे भी पढ़ें:
- बुरा भाग्य या अच्छा भाग्य? हिंदी कहानी
- निपुण चित्रकार हिंदी कहानी
- एक सच्चे संत की कहानी
- त्याग हिंदी कहानी
- परोपकार हिंदी कहानी
- Naughty Boy Pratyush Hindi Short Story
- स्वदेश सबसे प्यारा
- संत अपमान – एक कहानी
Good story with valuable message. Like this post.
Waiting for similar informative stories. All the best.
बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति …. Nice story ….. Thanks for sharing this!! 🙂 🙂