चंगेज खान एक मंगोल शासक था, जिसने मंगोल साम्राज्य के विस्तार में अहम भूमिका निभाई. वह अपनी संगठन शक्ति, बर्बरता तथा साम्राज्य विस्तार के लिए प्रसिद्ध हुआ. इससे पहले किसी भी यायावर जाति के व्यक्ति ने इतनी विजय यात्राएँ नहीं की थीं. प्रस्तुत पोस्ट Genghis Khan Biography in Hindi चंगेज खान में हम उनके बारे में जानेंगे.
Genghis Khan Biography in Hindi चंगेज खान का आरंभिक जीवन
चंगेज खान का जन्म 1162 ई. के आसपास आधुनिक मंगोलिया के उत्तरी भाग में ओनोन नदी के निकट हुआ था. उसका वास्तविक या प्रारंभिक नाम तेमुजिन या तेमुचिन था. उसके पिता का नाम येसूजेई था, जो कियात कबीले का मुखिया था. येसूजेई ने तेमुचिन तथा उसकी माँ का अपहरण कर लिया था, लेकिन कुछ दिनों के बाद ही येसूजेई की हत्या कर दी गई. उसके बाद तेमुचिन की माँ ने बालक तेमुचिन तथा उसके सौतेले भाई-बहनों का लालन-पालन काफी कठिनाई से किया.
तेमुचिन की पत्नी बोरते का भी विवाह के बाद ही अपहरण कर लिया था. अपनी पत्नी को छुड़ाने के लिए उसे लड़ाईयाँ करनी पड़ी थीं. इन विकट परिस्थितियों में भी वह दोस्त बनाने में सक्षम रहा. नवयुवक बोघूरचू उसका प्रथम मित्र था और वह आजीवन उसका विश्वस्त मित्र बना रहा. उसका सगा भाई जमूका भी उसका एक विश्वसनीय साथी था. तेमुजिन ने अपने पिता के सगे भाई आंग खान के साथ पुराने रिश्तों की पुनर्स्थापना की.
हालाँकि जमूका प्रारंभ में उसका मित्र था, लेकिन बाद में वह शत्रु बन गया. 1180 और 1190 के दशकों में वह आंग खान का मित्र रहा और उसने इस मित्रता का लाभ जमूका जैसे प्रतिद्वन्दियों को हराने के लिए उठाया. जमूका को हराने के बाद उसमें भुत आत्मविश्वास आ गया और वह अन्य कबीलों के खिलाफ युद्ध के लिए निकल पड़ा.
इसमें उसके पिता के हत्यारे शक्तिशाली तातार कैराईट तथा खुद आंग खान शामिल थे. आंग खान के विरूद्ध उसने 1203 में युद्ध छेड़ा. 1206 में जमूका और नेमन लोगों को निर्णायक रूप से परस्त करने के बाद तेमुजिन स्टोपी क्षेत्र का सबसे प्रभावशाली व्यक्ति बन गया. उसके इस प्रभुत्व को देखते हुए मंगोल कबीलों के सरदारों की एक सभा में मान्यता मिली और उसे चंगेज खान या सार्वभौम शासक की उपाधि देने के साथ महानायक घोषित किया गया.
चीन पर आधिपत्य
कुटिलताई से मान्यता मिलने तक वह मंगोलों की एक सुसंगठित सेना तैयार कर चूका था. उसकी पहली इच्छा चीन पर विजय प्राप्त करने की थी. चीन उस समय तीन भागों में विभक्त था- उत्तर-पश्चिमी प्रांत में तिब्बती मूल के सी लिया लोग, जरचेन लोगों का चीन राजवंश, जो उस समय आधुनिक बीजिंग के उत्तर में शासन कर रहे थे तथा शुंग राजवंश, जिसके अंतर्गत दक्षिणी चीन आता था. 1209 ई. में सी लिया लोग परास्त कर दिए गए. 1213 ई.में चीन की महान दीवार का अतिक्रमण हो गया और 1215में पेकिंग नगर को लूट लिया गया.
1219-1221 के बीच कई बड़े राज्यों-ओटार, बुखारा, समरकंद, बल्ख, गुरगंज, मर्व तथा हेरात आदि ने मंगोल सेना के सामने समर्पण कर दिया. जिन नगरों ने प्रतिरोध किया, उनका विध्वंस कर दिया गया. इस दौरान मंगोलों ने बेपनाह बर्बरता का परिचय दिया और लाखों की संख्या में लोगों की हत्या कर दी.
गजनी पर आधिपत्य
चंगेज खान ने गजनी और पेशावर पर अधिकार कर लिया तथा शासक अलाउद्दीन मुहम्मद को कैस्पियन सागर की और खदेड़ दिया, जहाँ 1220 ई. में उसकी मृत्यु हो गई. उसका उत्तराधिकारी जलालुद्दीन मंगवनी हुआ, जिसे चंगेज खान ने सिन्धु नदी के तट पर हरा दिया. जलालुद्दीन सिन्धु नदी को पार कर भारत आ गया, जहाँ उसने दिल्ली के सुलतान इल्तुतमिश से सहायता की फरियाद की. इल्तुतमिश ने शक्तिशाली चंगेज खान के भी से उसको सहायता देने से इनकार कर दिया. चंगेज खान ने गरमी, प्रतिकूल माहौल और अशुभ संकेत को देखते हुए भारत नहीं जाने का फैसला किया. इस तरह भारत में उसके न आने से तत्कालीन भारत एक संभावित लूटपाट और उत्पात से बच गया.
चंगेज खान इतिहास का सबसे बड़ा हमलावर था. एक नए अनुसन्धान के अनुसार, क्रूर मंगोल योद्धा ने अपने हमलों में इस कदर खूनखराबा किया कि बड़ी आबादी का सफाया हो गया और जमीन जंगल में तब्दील हो गयी. समझा जाता है कि उसके हमलों में तकरीबन चार करोड़ लोग मारे गए.
अपने जीवन का अधिकाँश भाग युद्ध में व्यतीत करने के बाद 1227 ई. में उसकी मृत्यु हो गई.
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Ashish Lavania says
Bahut sahi jankari di h bhai ne.isi tarah ki jankari ke lie dekhe historypedia.i