क्या आपने कभी विचार किया है कि एक मनुष्य के शरीर में ह्रदय का क्या स्थान है? हमारा ह्रदय एक ऐसा पम्प है जो जन्म से लेकर जीवन के अंतिम क्षण तक चलता रहता है और शरीर के सभी अंगों तक रक्त यानी blood circulate करते रहता है. लेकिन गलत जीवन पद्धति और कई अन्य कारणों से ह्रदय यानी हार्ट सही ढंग से काम नहीं कर पाता है. प्रस्तुत पोस्ट Keeping Heart Healthy Seven Tips in Hindi में हम इसी पर विचार करेंगे.
ह्रदय रोग और भारत
ह्रदय रोग को दिल की बीमारी या heart disease या cardiac disease भी कहा जाता है. इस बीमारी से ग्रसित होने पर शरीर का मुख्य अंदरूनी अंग यानी ह्रदय काम करना बंद कर देता है. इसकी वजह से कई अन्य शारीरिक कार्यो में रूकावट आने लगती हैं. आज दिल से जुडी ये बीमारिया बहुत अधिक फैलने भी लगी हैं. दिन पर दिन ह्रदये रोगियों की भरमार अस्पतालों में बढती ही जा रही हैं, और वह दिन दूर नहीं जब हमारा देश भारत ह्रदय रोगियों की दौड़ में सभी देशो से आगे निकल जायेगा. अर्थात कुछ ही वर्षों में दुनिया में सबसे अधिक ह्रदय रोगी समय में भारत में होंगे!
एक व्यक्ति मुख्य रूप से ह्रदय रोग की चपेट में अपनी सुस्त जीवनशैली के कारण आता हैं. जीवन में दैनिक कार्यो के बीच चल रहे इन असंतुलन के कारण ही ह्रदय रोग जन्म लेता है. एक व्यक्ति को ह्रदय रोग की समस्याओं से बचने के लिए शारीरिक और मानसिक दोनों ही रूपों में बिलकुल स्वस्थ होना ज़रूरी हैं!
जानिये क्या है ह्रदय स्वस्थ रखने के सात उपाय
ह्रदय रोग क्या हैं – ह्रदय रोग एक ऐसी अवस्था हैं जब ह्रदय को नकारात्मक रूप से प्रभावित करने वाली कई स्थितियों उत्पन्न हो जाती हैं. जब इस तरह की स्थिति आती है तो ह्रदय स्वयं संकेत देने लगता है कि कुछ तो गड़बड़ है. यदि एक व्यक्ति मानसिक रूप से स्वस्थ नहीं है या अधिक तनाव में है तब भी इसका सीधा असर सबसे पहले ह्रदय पर पड़ता हैं, और फिर इंसान मानसिक और शारीरिक दोनों ही रूपों में बीमार होने लगता है!
आइये सबसे पहले जानते हैं ह्रदय रोग कितने प्रकार के होते हैं –
* हार्ट अटैक
* हार्ट का फेल हो जाना
* रक्त नलिकाओं का रोग
* दिल में छेद
* कार्डियोमायोपेथी
* हार्ट के वाल्व का रोग
* एंजाइना
* दिल का अनियमित रूप से धड़कना
ह्रदय रोग के कुछ लक्षण Symptoms of Heart Diseases
ह्रदय रोग के बहुत सारे लक्षण होते हैं. किसी ह्रदय रोगी में ये लक्षण ज्यादा या फिर किसी में कम दिखाई दे सकते हैं.
* ह्रदय में दर्द, जलन व असहजता का एहसास होना!
* छाती में दबाव, भारीपन और किसी असुविधा का अनुभव होना!
* शरीर में थकान व निरंतर कमजोरी बने रहना!
* बहुत सांस फूलना : इस स्थिति में बिना देर किये डॉक्टर से संपर्क करे!
* चक्कर आना, मितली आना और सर में भारीपन महसूस होना!
* सूजन आना
* धडकनों में तेजी से वृधि या कमी होना!
ह्रदय रोग के कारक
लिंग यानि पुरुष/ स्त्री
अधिकतर ये देखा गया हैं कि पुरुषों में महिलाओं के मुकाबले ह्रदय रोग की दर अधिक होती हैं, पर रजोनिवृति के बाद महिलाओं में भी ये खतरा पनपने लगता हैं!
मोटापा
मोटापा तो वैसे ही सभी बीमारियों का कारण माना जाता हैं, लेकिन रिसर्च के मुताबिक ह्रदय रोग का एक बहुत बड़ा कारण मोटापा ही है.
शुगर यानि मधुमेह यानि डायबिटीज
अक्सर देखा जाता हैं कि जो व्यक्ति शुगर का मरीज होता हैं, उसे खुद ब खुद ही दिल से जुडी बीमारियों की शिकायत होने लगती हैं!
आनुवांशिक कारण
प्रायः ये भी देखा गया हैं कि अगर किसी व्यक्ति के पूरे परिवार में से किसी को ह्रदय से जुडी कोई समस्या हैं तो वो समस्या जींस के कारण आगे अन्य परिवार के सदस्यों में आगे बढती रहती हैं!
हाई कोलेस्ट्रोल
किसी व्यक्ति को हाई कोलेस्ट्रोल की समस्या सबसे पहले उसके कोमल ह्रदय पर अपने गंभीर प्रभाव दिखाती हैं!
खान -पान
अगर आपके भोजन में ज्यादा तेल, घी, चीनी, नमक आदि की खपत हैं तो आप जल्द ही दिल से जुडी बिमारी का शिकार हो सकते हैं!
ध्रूमपान
ध्रूमपान करना आपके दिल पर बहुत ही कष्टकारी प्रभाव छोड़ सकता हैं. अक्सर पाया जाता हैं कि ध्रूमपान करने वाला व्यक्ति दिल से जुडी समस्याओ की चपेट में जल्दी आता हैं क्यूंकि ध्रूमपान के ज़रिये सीधे रूप में उस व्यक्ति के शरीर में निकोटिन की मात्रा पहुँचती रहती हैं, जो कि उसके शरीर के लिए सबसे ज्यादा नुकसानदेह हैं!
ह्रदय की बीमारियों से बचाव के सात उपाय Keeping Heart Healthy Seven Tips in Hindi
यहाँ इसमें हम आपको बताएँगे कि कैसे दिल से जुडी इन बिमारियों को होने से रोका जा सकता हैं. आप अपनी जीवनशैली में मात्र कुछ परिवर्तन कर के दिल की बिमारी होने के इस दर को कम कर स्वस्थ जीवन जी सकते हैं!
* ध्रूमपान नहीं करें. यानि बीड़ी, सिगरेट आदि नहीं पीयें.
* अगर आप किसी अन्य बीमारी से पीड़ित हैं, तो उन पर नियंत्रण पाए, जैसे – ब्लड प्रेशर, शुगर, कोलेस्ट्रोल आदि!
* रोजाना व्यायाम ज़रूर करे! अगर आपको व्यायाम करने में कोई परेशानी हैं तो आप योग या ध्यान करके भी अपना चित्त शांत कर सकते हैं!
* भोजन में आयोडीन की मात्रा कम कर दें !
* अधिक वसायुक्त भोजन नहीं ग्रहण करे! ज्यादा फैट नुकसानदायक होता है.
* अपने शारीरिक भार को संतुलन में रखे. अपना BMI 25 से नीचे रखें.
* एक तनावग्रस्त जीवन ह्रदय रोग को बढ़ाता है. अतः अपने जीवन के तनाव पर नियंत्रण रखें.
यदि ह्रदय रोग हो जाए तब क्या करें!
यदि किसी व्यक्ति को दिल की बिमारी हो जाये तो उस स्थिति में कैसे उस बिमारी का इलाज करे –
पूर्ण आहार :-
आपको इस स्थिति में अपने आहार का ध्यान रखना बहुत ज्यादा ज़रूरी हैं. आपको ये बाते हमेशा ध्यान रखनी हैं कि आप अपने आहार में सभी प्रकार के प्रोटीन्स और विटामिन्स को शामिल करे! संतुलित आहार और पूर्ण आहार बहुत महत्वपूर्ण होता है.
नशा नहीं करें :-
अगर आप किसी प्रकार का नशा करते हैं तो उन सभी प्रकार के नशे को दिल की बिमारी से छुटकारा पाने के लिए छोड़ दे!
डॉक्टर से सलाह :-
दिल की बिमारी हेतु डॉक्टर्स ने जो भी आपको परामर्श दिए हें, उन्हे पूरी सावधानी के साथ फॉलो करे!
दवाइयां नियत समय पर लें :-
आपके डॉक्टर्स ने जो भी दवाइयों के सेवन की आपको सलाह दी हैं, उस सलाह को पूरी ईमानदारी के साथ लें और भोजन के बाद या पहले जो भी सलाह दी गयी हो, दवाई का रोजाना नियमित रूप से सेवन करना न भूले!
सर्जरी का सहारा ले :-
अगर आपकी दिल से जुडी इस समस्या का समाधान मात्र आपके दवाइयों के सेवन के ज़रिये नहीं हो पा रहा हैं, तो आप डॉक्टर्स से परामर्श लेकर सर्जरी का सहारा ले सकते हैं!
अब अगर आपको भी हैं दिल से जुडी कोई बीमारी या उसका केवल अहसास हो तो जल्द से जल्द बचाव के इन उपायों का इस्तेमाल करे और इस गंभीर बीमारी को बढ़ने से रोके! इस पोस्ट में दी गयी जानकारी सिर्फ लोगों को जागरूक बनाना है. ह्रदय रोग के बहुत गंभीर परिणाम हो सकते हैं इसलिए अपने डॉक्टर की सलाह के अनुसार दवाई लें और एक स्वस्थ और बेहतर जीवन जीयें. धन्यवाद!
यह पोस्ट हमें हिना खान जी ने भेजा है. वे PHD नुयूट्रीशियन हैं और हेल्थ से जुड़े काफी विषयों पर अध्ययन भी किया है. वे अपने ब्लॉग हैल्थ सागर Health Sagar के माध्यम से अपने अनुभव और ज्ञान को लोगो तक पहुंचाने का बेहतरीन कार्य कर रही हैं. टीम बेहतरलाइफ उनके सफल और सुखी जीवन की कामना करता है.
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