प्रस्तुत पोस्ट Chyawanprash Health Benefits in Hindi यानी च्यवनप्राश खाने के क्या -क्या स्वास्थ्य लाभ हैं, इसके विषय में जानकारी प्राप्त करेंगे। भारत में च्यवनप्राश के प्रयोग करने के बहुत ही प्राचीन प्रमाण मिलते हैं। आइये जानते हैं इसके बारे में ।
Chyawanprash Health Benefits in Hindi च्यवनप्राश के लाभ
जैसा कि आपको मालूम होना चाहिए कि च्यवनप्राश एक आयुर्वेदिक औषधि है जो विशिष्ट गुणों से युक्त होता है। इसे लगभग 40 पदार्थों को मिलाकर बनाया जाता है जिसमें आंवला (Amla) का प्रमुख स्थान होता है। च्यवनप्राश को अपने अद्वितीय गुणों के कारण आयुर्वेद में महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है। च्यवनप्राश न सिर्फ अंदरूनी शक्ति बढ़ाता है बल्कि यह हमारी भाग-दौड़ की जिंदगी के कारण आई कई परेशानियों को भी दूर करता है।
यह कोई कहने की बात नहीं है कि आज हमारा खान-पान और जीवन शैली गलत है, साथ ही प्रदूषित वातावरण से हमारे शरीर को जो नुकसान पहुंचता है, च्यवनप्राश अपने पोषक गुणों से उन्हें दूर करके हमें पर्याप्त मात्रा में पोषण देता है जो हमारे स्वास्थ्य के लिए अति आवश्यक है ।
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आज हर तीन में से एक व्यक्ति तनाव या किसी अन्य अवसाद /बीमारी से ग्रसित है । आज का इंसान थका और कमजोर दीखता है, ऐसे में यदि च्यवनप्राश का प्रतिदिन नियमपूर्वक सेवन किया जाय तो तनाव और अवसाद से मुक्ति पाकर एक अच्छी जिन्दगी जी जा सकती है। इतना ही नहीं इसके सेवन से शरीर से विषाक्त पदार्थों को भी दूर किया जा सकता है।
आइये हम यह जानने का प्रयास करते हैं कि च्यवनप्राश किन -किन बीमारियों मे लाभकारी साबित होता है:
फेफड़े संबंधी रोगों को दूर करने में सहायक
च्यवनप्राश फेफडों (Lungs) सम्बन्धी रोग जैसे- अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, पुरानी खांसी, सर्दी-जुकाम को ठीक करने में सहायक होता है. इन बीमारियों से ग्रसित व्यक्ति प्रतिदिन इसका सेवन कर सकते हैं।
शरीर की रोग प्रतिरोधी क्षमता बढाने में सहायक
च्यवनप्राश एक Health Supplement की तरह काम करता है। यह उन तत्वों की भरपाई करता है जो हमें रोज के खाने से नहीं भी मिल पाते, इसके साथ ही यह हमारे शरीर को कई तरह की बीमारियों से दूर रखने में सक्षम है। यह एक टॉनिक की तरह काम करता है जो आपको अंदर से बलवान बनाता है और रोगों को दूर भगाता है। जैसा कि पहले बताया गया कि इसके प्रमुख अवयवों में आंवला होती है जो विटामिन सी का एक मुख्य स्त्रोत है. शरीर में विटामिन सी की संतुलित मात्रा रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में यह बहुत कारगर है।
कई लोगों की प्रतिरोधी क्षमता यानी इम्युनिटी कमज़ोर होती है और वे बहुत जल्दी बीमार हो जाते हैं। ऐसे लोग यदि थोड़ा-थोड़ा च्यवनप्राश खाएं, तो उनके शरीर की इम्युनिटी सही रहती है। च्यवनप्राश प्रतिरोधी क्षमता को बढ़ाने और उसमें सुधार लाने में सहायक होता है ।
स्मरण शक्ति को तीक्ष्ण बनाने में सहायक
यदि च्यवनप्राश का नियमित सेवन किया जाय तो यह हृदय और मस्तिष्क के ऊपर अच्छा असर डालता है । छात्रों के लिए यह विशेष रूप से स्मरण शक्ति को बढ़ाने और नयी चीजों को सीखने की क्षमता के विकास में सहायक होता है ।
बढ़ती उम्र के लक्षणों रोकने में सहायक
च्यवनप्राश को आयुर्वेद का रसायन माना है । इसके नियमित सेवन करनेवाले व्यक्ति का चेहरा कांतिमय और झुर्रियां रहित होती हैं। आंवला में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट ageing को रोक देता है और व्यक्ति को बुढ़ापा से बचाए रखता है । कहा जाता है कि च्यवन ऋषि इसका नियमित सेवन करते थे इसके कारण बुढ़ापे में भी वे बिलकुल स्वस्थ थे, यहाँ तक कि उनके सारे बाल काले और चेहरे पर अदभुत चमक थी।
कोलेस्ट्रॉल को संतुलित रखने में सहायक
सही तरह से और संतुलित आहार न लेने के कारण, मोटापा के कारण और नियमित रूप से व्यायाम या शारीरिक कार्य नहीं करने के कारण शरीर में कोलेस्ट्रॉल बढ़ने लगता है । भविष्य में यह कई बीमारियों का कारण बन जाता है । शरीर में कोलेस्ट्रॉल बढ़ने से दिल के दौरे और अन्य बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। यदि च्यवनप्राश का नियम से सेवन किया जाए, तो खून में कोलेस्ट्रॉल कम हो जाता है और यह रक्त चाप या ब्लडप्रेशर को भी संतुलित रखता है।
मूत्र संक्रमण में लाभदायक
कम मात्रा में पानी पीने से या अन्य कई कारणों से कई लोगों को Urine Infection की समस्या होती है। ऐसे में यदि च्यवनप्राश का सेवन किया जाए, तो इस तरह की समस्या से निजात मिल सकती है । हालांकि, वैज्ञानिक स्तर पर अभी तक इसका कोई ठोस प्रमाण नहीं मिला है, लेकिन जनश्रुति में इस तरह की मान्यता जरूर है।
त्वचा को तेजोमय बनाने में सहायक
च्यवनप्राश में केसर भी मिलाया जाता है जो त्वचा के लिए अच्छा होता है । प्रदूषण, धूल, तेज सूर्यप्रकाश के कारण त्वचा को बहुत नुकसान होता है । च्यवनप्राश इसमें बहुत फायदेमंद होता है और केसर त्वचा में चमक लाता है ।
शारीरिक दुर्बलता को दूर करने में सहायक
च्यवनप्राश शुक्र जनित दोषों, कमजोर और वृद्ध लोगों के लिए अमृत के समान है । यह शरीर की सभी धातुओं को पुष्ट कर शारीरिक कमजोरी को दूर करता है ।
च्यवनप्राश के नुकसान
यदि किसी चीज का लाभ है तो उसका नुक्सान भी होता है । कहा गया है कि अति सर्वत्र वर्जयेत । यदि आपको लगता है कि इसके ज्यादा सेवन से अधिक लाभ होगा तो यह मिथ्या धारणा है । इसके अधिक सेवन या सीमा से अधिक सेवन से निम्नलिखित नुकसान हो सकते हैं :-
1. अधिक मात्रा में च्यवनप्राश खाने से पेट खराब यांनी stomach upset हो सकता है।
2. च्यवनप्राश की प्रकृति गर्म होती है, इसलिए गर्मियों में इसके सेवन से पेट में जलन व अफरा जैसी अन्य दिक्कतें हो सकती है।
3. मधुमेह या डायबिटीज के मरीजों को गुड़ या चीनी से निर्मित च्यवनप्राश नहीं खाना चाहिए। उनके लिए चीनी रहित या sugar- free च्यवनप्राश अलग से मिलता है , उसका सेवन करना चाहिए ।
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सर्दियों में सभी व्यक्ति को सुबह या शाम को गुनगुने दूध या गुनगुने पानी के साथ एक या आधा चम्मच च्यवनप्राश खाने से बहुत फायदा होता है और तरोताजगी बनी रहती है.
उम्मीद करता हूं कि च्यवनप्राश से संबंधित यह पोस्ट Chyawanprash Health Benefits in Hindi आपको पसंद आया होगा। आप यदि च्यवनप्राश का उपयोग करते हैं और इससे जुडी कोई भी जानकारी शेयर करना चाहते हैं तो कमेंट द्वारा हम तक पहुचाएं. धन्यवाद!
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