प्रस्तुत पोस्ट World Humanitarian Day in Hindi अर्थात विश्व मानवतावादी दिवस के बारे में विस्तार से पढ़ेंगे। एक बहुत ही प्रसिद्ध उक्ति है कि You must not lose faith in humanity यानि आपको मानवता में विश्वास नहीं खोना चाहिए।

आओ पीड़ित मानव की मदद करें, मानव में मानवीयता बनीं रहें
विश्व मानवतावादी दिवस प्रत्येक वर्ष 19 अगस्त को मनाया जाता है। इस दिवस पर उन लोगों को याद किया जाता है, जिन्होंने मानवीय उद्देश्यों के कारण दूसरों की सहायता के लिए अपनी जान न्योछावर कर दी। इस दिवस को विश्वभर में मानवीय कार्यों एवं मूल्यों को प्रोत्साहन दिए जाने के अवसर के रूप में भी देखा जाता है। इसको मनाने का निर्णय संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा स्वीडिश प्रस्ताव के आधार पर किया गया।
इसके अनुसार किसी आपातकाल की स्थिति में संयुक्त राष्ट्र देशों द्वारा आपस में सहायता के लिए मानवीय आधार पर पहल की जा सकती है। इस दिवस को विशेष रूप से 2003 में संयुक्त राष्ट्र के बगदाद, इराक स्थित मुख्यालय पर हुए हमले की वर्षगांठ के रूप में मनाया जाना आरंभ किया गया था जो विश्व में मानवीय कार्यों एवं मानव-मूल्यों को प्रेरित करने वाली भावना का जश्न मनाने का भी एक अवसर है। इसका उद्देश्य उन लोगों की पहचान करना है जो दूसरों की मदद करने में विपरीत परिस्थितियों को सामना कर रहे हैं एवं मानवता की रक्षा के लिये प्रतिबद्ध है।
विश्व मानवतावादी दिवस का महत्व व उदेश्य
विश्व मानवतावादी दिवस का उद्देश्य उन लोगों की पहचान करना है जो दूसरों की मदद करने में विपरीत परिस्थितियों को सामना कर रहे हैं। विश्व भर में 19 अगस्त 2018 को अंतरराष्ट्रीय मानवतावादी दिवस मनाया गया। यह दिन मानवीय कर्मियों और मानवीय कारणों की वजह से अपनी जान गंवा चुके लोगों को श्रद्धांजलि देने के लिए मनाया जाता है।
ध्यान दें कि विश्व मानवतावादी दिवस विश्व में मानवीय कार्यों को प्रेरित करने वाली भावना का जश्न मनाने का भी एक अवसर है। इस दिवस को विश्व भर में मानवीय कार्यों को प्रोत्साहन दिए जाने के अवसर के रूप में भी देखा जाता है। यह दिन दुनिया भर में मानवीय जरूरतों पर ध्यान आकर्षित करने की मांग करता है और इन जरूरतों को पूरा करने में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग का महत्व है।
हर साल, आपदाओं से लाखों लोगों विशेषतः दुनिया के सबसे गरीब, सबसे हाशिए और कमजोर व्यक्तियों को अपार दुःख का सामना करना पड़ता है। मानवीय सहायता कर्मी पदा प्रभावित समुदायों को राष्ट्रीयता, सामाजिक समूह, धर्म, लिंग, जाति या किसी अन्य कारक के आधार पर भेदभाव के बिना जीवन बचाने में सहायता और दीर्घकालिक पुनर्वास प्रदान करने का प्रयास करते हैं। इसका निर्माण संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) द्वारा स्वीडिश प्रस्ताव के आधार पर किया।
इसके अनुसार किसी आपातकाल स्थिति में संयुक्त राष्ट्र देशों द्वारा आपस में सहायता के लिए मानवीय आधार पर पहल की जा सकती है। इस दिवस को विशेष रूप से 2003 में संयुक्त राष्ट्र के बगदाद, इराक स्थित मुख्यालय पर हुए हमले की वर्षगांठ के रूप में मनाया जाने लगा।
19 अगस्त को मनाया जाता है यह दिवस
यह दिवस 19 अगस्त को इसलिए मनाया जाता है क्योंकि इस दिन वर्ष 2003 को बगदाद में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय पर बमबारी हुई थी। इस बमबारी में इराक में संयुक्त राष्ट्र के शीर्ष दूत सर्जियो विएरा डी मेल्लो समेत 22 अन्य मानवतावादी कर्मी मारे गए थे।
संयुक्त राष्ट्र इस दिन को मानवता की सेवा करते हुए बलिदान हो जाने वाले लोगों की साहसिक कार्यों को याद रखने के दिन के रूप में घोषित किया है। संयुक्त राष्ट्र मानवीय कार्यों के प्रमुख स्टीफन ओब्रायन के अनुसार “यह मानवीयता को याद करने और विश्व भर के उन हजारों मानवीय सहायता कर्मियों को श्रद्धांजलि देने का दिन है, जिन्होंने संकट और घोर निराशा के बीच जरूरतमंद लोगों को जीवनरक्षक मदद मुहैया कराने के लिए अपनी जिंदगी जोखिम में डाली।”
आपको बता दें कि 19 अगस्त को विश्व मानवतावादी दिवस के अवसर पर अपनी जान पर खेल के दूसरों की मदद करने वालों के लिए रैली निकाली जाती है। इस रैली का मकसद पूरे दुनिया में मानव कर्मियों के खस्ता हालत को उजागर कर उनकी दशा के बारे में दुनिया को बताना है।
आतंक और हिंसा के लिए अहम है यह मिशन
संयुक्त राष्ट्र के अनुसार दिन पर दिन बढ़ते हुए आतंक और हिंसा के वैश्विक खतरों के बीच मानवीय कर्मियों का काम काफी अहम है। सीरिया से लेकर दक्षिण सूडान और मालदीव से लेकर अफ्रीका के भुखमरी वाले इलाकों तक मानवता कर्मियों का काम काफी अहम है। आतंक और हिंसा के संकट के बीच विश्वभर के लोगों के लिए भोजन, पानी, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसी बुनियादी जरूरतों को पाने के लिए लाखों लोग रोज जूझते है। इन लोगों की सहायता करने के लिए और उसे नया आयाम देने के लिए विश्व मानवतावादी दिवस जैसे आयोजनों का महत्व बढ़ जाता है।
कोरोना वर्ष में और भी महत्वपूर्ण हो जाता है विश्व मानवतावादी दिवस
जैसा कि आप सबको पता है कोरोना ने पूरे विश्व को अपनी चपेट मे ले रखा है। करोड़ों लोग इससे संक्रमित हुये हैं और लाखो लोगों की जानें गई हैं। कोरोना की मार से मानवता संकट में है। इसलिए इस दिवस के अवसर पर हम सबको मिलकर इस महामारी के खिलाफ लड़ना है और विजयी होना है। कोरोना से लड़ने वाले, नहीं मौत से डरने वाले, मानवता के रक्षक सभी योद्धाओं को सलाम है; जीना इसी का नाम है। तो आइये विश्व मानवीय दिवस पर हमारा संकल्प है कि कोरोना को हराना है और मानवता को बचाना है। ऐसे तो सभी लोगों ने कोरोना काल में यथाशक्ति लोगों की मदद की लेकिन सिने कलाकार सोनू सूद द्वारा किया गया कार्य बहुत सरहनीय रहा। लोकोपकारी और मानवतावादी में ज्यादा अंतर नहीं है। यदि आप में सामर्थ्य है तो मानव और मानवता की भलाई के लिए उचित सहयोग करना चाहिए।
आपने इस पोस्ट को पढ़ा, इसके लिए आपका बहुत -बहुत धन्यवाद!
- पोस्ट लेखक: सूबेदार रावत गर्ग उण्डू
( स्वतंत्र लेखक, रचनाकार, साहित्य प्रेमी )
निवास : RJM – 04 ‘ श्री हरि विष्णु कृपा भवन ‘
श्री गर्गवास राजबेरा, बाड़मेर, राजस्थान
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