आज विश्व गौरैया दिवस है। बचपन में हमने अपने गाँव में इस पक्षी के साथ साथ अपना जीवन बिताया है। इसे हमलोग चुनमुन्नी के नाम से बुलाते थे। इसे कुछ लोग फुदुकी भी कहते हैं क्योंकि यह फुदक-फुदक कर उड़ती है। इस पक्षी का रंग हल्का भूरा एवं सफ़ेद होता है। इसकी चोंच पीली होती है जो देखने में बहुत ही सुन्दर लगती है। इसके आँखों और चोंच पर काला रंग होता है। भूरे रंग के छोटे-छोटे पैर बहुत आकर्षक दीखते हैं। यह एक सर्वाहारी चिड़िया है। World Sparrow Day in Hindi
हिंदी साहित्य में बहुत सारे लेखकों ने गोरैया के ऊपर कई कहानियां या संस्मरण या कवितायें लिखी हैं ।
यदि आप गोरैया के ऊपर कवितायें पढना चाहते हैं तो इस लिंक पर जाएँ । Link
लेकिन यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमारे आस-पड़ोस, घर आँगन, दरवाजे- खिड़की, घर दालान में बेखौफ चीं-चीं करती, फुर्र फुर्र उड़ती गोरैया की संख्या में लगातार कमी हो रही है ।
आज जरुरत इस बात की है कि यदि समय रहते इस प्यारी-सी चिड़िया को बचाने के प्रयास नहीं किये गये तो वह दिन दूर नहीं जब गिद्धों की तरह गौरैया भी इतिहास बन कर रह जायेगी। इसके चित्र सिर्फ पुस्तकों और गूगल सर्च में देखने को मिलेंगी। आवश्यकता इस बात की है कि हम गाँव में रहें या शहर में रहें इस चिड़िया के अनुकूल माहौल बनाया जा सकता है और इसके लिए सामूहिक प्रयास की जानी चाहिए । आप अपने बाग़ बगीचे में चिड़ियों के पीने के लिए पानी या दाना रख सकते हैं । आप बर्ड बाथ बना सकते हैं । यह आप पर निर्भर करता है कि आप अपने पास इनको किस प्रकार से बुलाना चाहते हैं ।
गोरैया की संख्या में कमी के कारण
अब प्रश्न यह है कि गौरैया की संख्या में कमी के क्या कारण हैं? इसकी पड़ताल भी की जानी चाहिए। हमें लगता है कि अनुकूल आहार का न मिलना, आवास की अनुकूलतम स्थिति का ना होना, मोबाइल फोन के टावर्स से निकला विकिरण, आदि इसके कुछ कारण हैं । आज हर घर पक्का हो गया है। गोरैया अपना घोंसला कहाँ बनाये, यह एक बड़ी समस्या है । आज किसान फसलों में भरपूर मात्रा में कीटनाशक दवाओं का प्रयोग करते हैं । जिसका गोरैया पर बुरा असर होता है । गोरैया का मांस बहुत महंगा होता है, इसलिए इनका शिकार भी किया जाता है.
गौरैया बिहार व दिल्ली का राजकीय पक्षी है । इंग्लैंड की रॉयल सोसाइटी ऑफ प्रोटेक्शन ऑफ बर्ड्स ने भारत से लेकर विश्व के विभिन्न हिस्सों में रिसर्चर द्वारा किये गए अध्ययनों के आधार पर गौरैया को ‘रेड लिस्ट’ में डाला गया है।
प्रति वर्ष 20 मार्च को दुनिया भर में विश्व गौरैया दिवस मनाया जाता है। यह दिवस गौरैया की रक्षा और संरक्षण के लिए मनाया जाता है। गौरैया के संरक्षण के लिए लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से यह किया जाता है। गौरैया की संख्या में हो रही लगातार कमी को ध्यान में रख वर्ष 2010 में पहली बार विश्व गौरैया दिवस मनाया गया था।
आज यह पक्षी विलुप्त होने के कगार पर है। आइए, हम सब मिलकर गौरैया के संरक्षण के लिए लोगों को जागरूक करें। आज के इस पावरफुल सोशल मीडिया के माध्यम से इस नन्हीं-सी चिड़ियाँ के लिए अपने –अपने प्यार को प्रदर्शित कर इनके संरक्षण की दिशा में प्रयास करें। #WorldSparrowDay #Behtarlife
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