रोबोट रोबोटिक्स आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस पर लेख
आप लोगों को सोफिया के बारे में पता होगा. Hanson Robotics हांगकांग स्थित एक कंपनी है जिसने ह्यूमन रोबोट सोफिया का निर्माण किया है. मजे की बात यह है कि इसे अक्टूबर २०१७ में सऊदी अरब की नागरिकता भी मिल गयी है. इसकी खासियत यह है कि यह किसी भी तरह के प्रश्न का जबाब दे सकती है.
रोबोटिक्स और आर्टिफीसियल इंटेलीजेंस पर विश्व के कई देशों में काम चल रहा है. हम कह सकते हैं कि आज का विज्ञान इतना विकसित हो चुका है कि आज वह अपना विकल्प तैयार करने को प्रयासरत है. इसी प्रयास का परिणाम सोफिया जैसे रोबोट का विकास है.
रोबोट करेगा नेतागिरी |
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जी हाँ यह बिलकुल सत्य है. न्यूजी लैंड के वैज्ञानिकों ने एक ऐसा रोबोट तैयार किया है जो अब चुनाव भी लडेगा और नेतागिरी भी करेगा, इस रोबोट का नाम सैम है. कहा यह जा रहा है कि 2020 के इलेक्शन में यह रोबोट इलेक्शन में उतरेगा. लिंक |
रोबोट को आप यन्त्र-मानव कह सकते हैं जो मनुष्य की तरह काम करता है लेकिन यह एक मानव नहीं है. इसे आप मनुष्य का सेवक या मनुष्य के आदेशों पर काम करनेवाला यन्त्र कह सकते हैं. रोबोट शब्द चेक शब्द रोबोटा से बना है जिसका शाब्दिक अर्थ दास या क्रीत दास होता है. कारल काएक नामक चेक नाटककार ने सबसे पहले इस शब्द का अपने नाटक R.U.R में किया था. इस नाटक का मंचन सबसे पहले चेकोस्लोवाकिया की राजधानी प्राग में १९२१ में हुआ था. उसके बाद इसका मंचन १९२३ में लन्दन में हुआ और कुछ ही समय में रोबोट एक बहुत शब्द हो गया. इस नाटक में यह दिखाया गया है कि मनुष्य द्वारा बनाया गया यन्त्र मानव बाद में मनुष्य को ही अपना सेवक बना लेता है और स्वयं उसका मालिक बन जाता है.
Robot Robotics Artificial Intelligence Article in Hindi रोबोट शब्द का प्रथम प्रयोग
यदि साहित्य में रोबोट शब्द के प्रयोग को देखा जाय तो इसका प्रथम प्रयोग १८१८ में हो चुका था जो काएक के नाटक से काफी पहले का समय है. फ्रैंकस्टीन नामक उपन्यास जिसकी लेखिका मेरी शैली में रोबोट शब्द का जिक्र मिलता है. इस उपन्यास का नायक डॉक्टर विक्टर फ्रैंकस्टीन एक मृत इंसान के शरीर में प्राण का संचार कर एक कृत्रिम मानव या रोबोट बनाता है. इडके उपरांत साहित्य में रोबोट का प्रयोग कई बार हुआ. कहने का मतलब यह है कि साहित्य में रोबोट का जन्म हो चुका था, अब जरुरत थी इस काल्पनिक रोबोट को वास्तविक रोबोट में परिवर्तित करने का, जो कि तकनीक के विकास से ही संभव था.
Artificial Intelligence का इस्तेमाल
आज का युग कंप्यूटर और मोबाइल का युग है. आज हम नैनोटेक्नोलॉजी की बात करते हैं. इन सबके विकास से रोबोट का निर्माण और उपयोग भी बढ़ता जा रहा है. आज दुनिया के वैज्ञानिक और रिसर्चर इस बात पर जोर दे रहे हैं कि किस तरह से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस या कृत्रिम मस्तिष्क का संयोजन कर एडवांस रोबोट का निर्माण किया जाय. आज यन्त्र मानव के निर्माण के लिए लगातार रिसर्च किया जा रहा है. विज्ञान की नई शाखा रोबोटिक्स की पढाई अब कई बड़े- बड़े कॉलेजों में होने लगी है.
यदि रोबोट के विकास की बात की जाय तो पहला रोबोट विलियम ग्रे वाल्टर ने किया था. उन्होंने अपने इस रोबोट का नाम टोस्टीडडो रखा. लैटिन भाषा में इस शब्द का अर्थ कछुआ होता है. उनका यह यन्त्र जीवित प्राणियों की अनेक एक्शन का नक़ल कर सकता था. वाल्टर के इस यन्त्र ने विज्ञान के विकास और उसकी एक नयी शाखा रोबोटिक्स की स्थापना का मार्ग प्रशस्त किया. कंप्यूटर में विकास के साथ ही साथ रोबोट विज्ञान का भी विकास होने लगा. रोबोट का दिमाग एक तरह से एक कंप्यूटर ही होता है. आज विज्ञान के विकास और अनुसंधानों में रोबोट का महत्वपूर्ण योगदान है. नॉरवेर्ट विनर, जॉन वौन, न्यूमेन, एलेन टूरिंग, क्लाड एल्वूड आदि रोबोट वैज्ञानिकों ने इसके विकास में अपना योगदान दिया है और इसे एक नयी उंचाई प्रदान की है.
क्या रोबोट मानव को अपना दास बना लेगा?
आम लोगों में रोबोट के विषय में यह धारणा रहती है कि रोबोट हुबहू मनुष्य की तरह होता है. इसका सबसे बड़ा कारण कुछ हॉलीवुड़ और बॉलीवुड़ का कुछ सिनेमा है जिसमे रोबोट को मानव की तरह बनाया जाता है. यह बिलकुल गलत धारणा है. ह्यूमन रोबोट सिर्फ रोबोट का एक प्रकार है. यदि देखा जाय तो रोबोट का डिजाईन जरुरत के मुताबिक बनाया जाता है. उसकी के अनुसार उसके अंग- प्रत्यंग निर्धारित किया जाता है. एक रोबोट आपको ऐसा दिखेगा जिसका सिर्फ एक ही हाथ है, कोई चार पैरों वाला होता है. लेकिन रोबोट के प्रकार पर बात करें तो मुख्य रूप से इसके तीन टाइप होते हैं – टाइल, आर्म और मोबाइल. आज रोबोट का उपयोग बढ़ता जा रहा है. जहाँ मानव कार्य करने में कठिनाई का अनुभव करता है, आज वहां रोबोट का उपयोग किया जा रहा है.
दिन-ब-दिन रोबोट का प्रयोग बढ़ने का कारण इसके कार्य करने की सटीकता भी है. आज शल्य चिकित्सा में रोबोट का खूब प्रयोग हो रहा है. स्पेस में या मंगल की सतह पर रोबोट को ही भेजा गया ताकि वहां के वातावरण का सही तरह से अध्ययन कर रिसर्च को आगे बढाया जा सके. आज एक से एक उन्नत रोबोट का निर्माण हो रहा है. एक तरफ तो यह मानव का सहयोगी है तो दूसरी तरफ यह भी प्रश्न उठाये जा रहे हैं कि कही मनुष्य इस प्राणहीन मशीन का दास न बन जाए.
तरह- तरह के रोबोट
आज बहुत सारी औध्योगिक ईकाइयों में रोबोट का प्रयोग किया जा रहा है. इससे उत्पादन तो बढ़ता ही है, काम भी सरलता से और एक्यूरेसी के साथ होता है लेकिन इसका दूसरा पक्ष यह है कि यह बेरोजगारी बढाता है.
कुछ मामले ऐसे भी हुए हैं जिसमें रोबोट ने मनुष्य पर हमला भी किया है और आघात पहुंचाया है. इसपर भी विचार किया जाना चाहिए ताकि रोबोट के प्रयोग को सुरक्षित बनाया जा सके. हालांकि आज कृषि रोबोट, रक्षा रोबोट, घरेलू रोबोट, नेनो रोबोट, स्पेस रोबोट, मेडिकल रोबोट आदि अपने-अपने क्षेत्र में बहुत तेजी से उपयोग में लाये जा रहे हैं. लेकिन आनेवाले समय में रोबोट का प्रयोग बढेगा और मानवता को इससे बहुत लाभ होगा, ऐसी आशा की जा सकती है.
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atoot bandhan says
बहुत अच्छा जानकारीयुक्त लेख
Rahul says
Good article
sahil sarkar says
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Prakash awasiya says
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