भारत देश विभूतियों का देश है. इस देश में अनेकों महान लोग हुए. प्रस्तुत पोस्ट Indian Woman Mathematician Lilavati में हम महान महिला गणितज्ञ लीलावती के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगें.
भारतीय महिला गणितज्ञ लीलावती

लीलावती एक विदुषी महिला गणितज्ञ थीं. वे ज्योतिष रत्न श्री भास्कराचार्य जी की पुत्री थीं. लीलावती का बुद्धि कौशल एवं प्रतिभा विलक्षण थी. उन्होंने गणित के ऐसे सिद्धांतों का निरूपण किया जो तत्कालीन बड़े – बड़े विद्वानों के वश में नहीं था.
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भास्कराचार्य जी ने ज्योतिष गणना से अनुमान लगाया कि लीलावती विवाह के कुछ समय पश्चात ही अपने पति को खो देगी और उसे अपना शेष जीवन एक विधवा की भांति बिताना होगा. पिता ने अपने ज्योतिष ज्ञान के बल पर ऐसे शुभ लग्न को खोज निकाला जिसमें वैधव्य योग का भय नहीं था.
देखते ही देखते लीलावती के विवाह का दिन आ पहुंचा. उस लग्न का सही समय जानने के लिए जलघडी का सहारा लिया गया. छोटे से बर्तन में छेड़ करके पानी से भरे मटके में छोड़ दिया गया. जब वह बर्तन जलमग्न होता तो वही शुभ लग्न का समय होता परन्तु विधि के विधान को कोई बदल सका है क्या?
श्रृंगार और आभूषणों से सुसज्जित लीलावती ने कौतुहलवश जल पात्र में झाँका. अनजाने में ही उनके आभूषणों का छोटा-सा मोती टूटकर बर्तन में जा गिरा जिससे सुराख बंद हो गया.
सभी जलपात्र के जल मग्न होने की राह देखते रहे किंतु पात्र नहीं डूबा. शुभ लग्न का समय बीत गया और सारे लोग प्रतीक्षा ही करते रह गए. वही हुआ जिसका भय था – लीलावती का विवाह अशुभ लग्न में हुआ और कोमलांगी बालिका असमय ही विधवा हो गयी.
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पिता ने पुत्री को धैर्य बंधाया. उन्होंने लीलावती के दुःख को ग्रंथों के अनमोल ज्ञान में भुला दिया. उन्होंने अपना सम्पूर्ण पांडित्य पुत्री को सौंप दिया. लीलावती की शेष आयु पठन- पाठन में ही बीती. आज भी गणित में उनके योगदानों के कारण उनको श्रद्धापूर्वक स्मरण किया जाता है.
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