प्रस्तुत पोस्ट Time is Money in Hindi में हम समय की पाबंदी से संबंधित एक बहुत ही प्रसिद्ध कहानी पढ़ने जा रहे हैं । यदि इस गुण को आत्मसात कर लिया जाय तो जीवन में बहुत आगे बढ़ा जा सकता है ।
Time is Money in Hindi
यह बात उन दिनों की है जब गांधीजी साबरमती आश्रम में रहते थे । एक दिन पास के एक गाँव के कुछ लोग बापू के पास आए और उनसे कहने लगे, “बापू कल हम लोगों ने अपने गाँव में एक सभा का आयोजन किया है, यदि आप थोड़ा समय निकाल कर हमारे बीच आयें और हमारा मार्गदर्शन करें तो आपकी बहुत कृपा होगी । “
गांधी जी ने अपना कल का प्रोग्राम देखा और गाँव के लोगों से पूछा, “सभा के कार्यक्रम का समय कितने बजे है?”
एक कार्यकर्ता ने कहा, “हमने चार बजे निश्चित कर रखा है । “
गांधी जी ने आने की अपनी रजामंदी दे दी ।
कार्यकर्ता बोला, “बापू मैं गाड़ी से एक व्यक्ति को भेज दूँगा, जो आपको ले आएगा ताकि आपको अधिक कष्ट न हो । ”
गांधी जी बोले, “ठीक है, कल निश्चित समय मैं तैयार रहूँगा । “
अगले दिन जब पौने चार बजे तक कोई आदमी नहीं पहुँचा तो गांधी जी चिंतित हो गए । उन्होंने सोचा अगर मैं समय से नहीं पहुँचा तो लोग क्या कहेंगे । उनका समय व्यर्थ नष्ट होगा ।
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गांधी जी ने एक उपाय सोचा और उसी के अनुसार अमल किया । कुछ समय पश्चात वह कार्यकर्ता गांधी जी को लेने आश्रम पहुँचा तो गांधी जी को वहाँ नहीं पाकर उसे बहुत आश्चर्य हुआ । वह वापस लौट गया । जब वह सभा स्थल पर पहुँचा तो उन्हें यह देख कर आश्चर्य हुआ कि गांधी जी भाषण दे रहे हैं और सभी लोग तन्मयता से उन्हें सुन रहे हैं ।
भाषण के उपरांत वह गांधी जी से मिला और उनसे पूछने लगा, “मैं आपको लेने आश्रम गया था लेकिन आप वहाँ नहीं मिले फिर आप यहाँ तक कैसे पहुँचे?”
गांधी जी ने कहा, “जब आप पौने चार बजे तक नहीं पहुँचे तो मुझे चिंता हुई कि मेरे कारण इतने लोगों का समय नष्ट हो सकता है इसलिए मैंने साइकिल उठाई और तेज़ी से चलाते हुए यहाँ आ गया । “
वह कार्यकर्ता बहुत शर्मिंदा हुआ । गांधी जी ने कहा, “समय धन है, इसे व्यर्थ में मत गवाओ । ” उस युवक को समय के महत्व का पता चल चुका था ।
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सुरेन्द्र महरा says
bahut achhi kahani lagi.
Ankita Jaiswal says
समय समय की बात है | पहले हम पैसा बचाने के लिए २० मिनट चलके जाते थे और आज समय बचाने के लिए २० रूपये खर्च करके रिक्शा में जाते है |