Burning River Hindi Story नदी में अगलगी हिंदी कहानी
एक राज्य का राजकुमार देश-विदेश की सैर पर निकला. चलते-चलते वह एक जंगल में पहुँच गया. तभी उसके रास्ते में एक गीदड़ आ गया. राजकुमार ने उस गीदड़ से कहा – ‘ऐ गीदड़! मेरे रास्ते से हट’.
वह गीदड़ बहुत ही ढीठ था. वह वहीं खड़ा रहा, राजकुमार को बहुत गुस्सा आया. लेकिन उसने उस गीदड़ से झगड़ा करना उचित नहीं समझा और उसके बगल से निकलते हुये आगे बढ़ गया.
शाम होते –होते वह एक शहर में पहुँच गया और वहां एक किसान के घर के पास खड़ा हो गया और किसान से उसके यहाँ रात भर रुकने की विनती की. किसान मान गया. राजकुमार ने किसान के घर के बाहर एक खूंटे से अपने घोडा को बाँध दिया.
सुबह-सुबह राजकुमार जब उठा तो उसने देखा कि वह किसान कई लोगों को बुला रखा है और उनसे कह रहा है कि ‘देखो, रात उसके कहते ने एक घोड़े को जन्म दिया है.’
जब राजकुमार ने यह सुना तो वह किसान के पास जाकर बोला – ‘अरे नहीं, यह घोडा तो मेरा है. मैं ही तो रात में इसे लेकर आया था.’
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किसान बोला – ‘यदि यह घोडा तुम्हारा था तो तुमने रात में क्यों नहीं बताया. इसका मतलब तुम अभी झूठ बोल रहे हो.’
दोनों में उस घोड़े को लेकर झगडा होने लगा. मामला न्यायालय में पहुँच गया. न्यायालय में उस किसान के पड़ोसियों ने गवाही दी कि यह घोडा किसान का है और इसे उसके खूंटे ने ही जन्म दिया है.
जज ने राजकुमार से कहा कि यदि उसके पास कोई सबूत या गवाह है तो वह उसे पेश कर सकता है. अब वह राजकुमार सोच में पड़ गया. अपने लिए गवाह कहाँ से लाये? तभी उसे जंगल में मिले उस गीदड़ की याद आ गयी.
वह जज की इजाजत लेकर उस गीदड़ के पास गया. उसे सारी कहानी बताकर अपने लिए गवाही देने की विनती करने लगा.
गीदड़ बोला –‘ठीक है, मैं कल सही समय पर कोर्ट में पहुँच जाऊँगा.’
दूसरे दिन अपने नियत समय पर अदालत लगी, जज बैठे रहे, लेकिन गीदड़ नहीं पहुंचा.
जब जज साहब फैसला सुनाने लगे तभी अचानक वह प्रकट हो गया और बोला – ‘माय लार्ड, गलती माफ़ करें. मैं इस राजकुमार का गवाह हूँ और यह घोडा इन्हीं का है.’
‘तुम्हारे पास कोई सबूत है इसका?’
‘माय लार्ड, सबूत तो मेरे पास ही था, पर वह नदी में अगलगी की वजह से जल गया.’
‘क्या?’
‘जी हजूर, नदी में आग लगने की वजह से वह सबूत जल गया.’
उसकी बात सुनकर जज साहब गुस्से में बोले –‘क्या बकवास करते हो तुम? कभी नदी में भी आग लगती है क्या?’
‘माय लार्ड, आप नाराज मत होइए. जब खूंटे से घोड़ा पैदा हो सकता है तो नदी में अगलगी क्यों नहीं हो सकती!’
यह सुनते ही जज साहब उसकी बात समझ गए. उन्होंने तुरंत वह घोडा उस राजकुमार को दिलवाया और उस किसान को जेल भेज दिया.
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