Ser Ko Mila Saba Ser Hindi Story सेर को मिला सवा सेर हिंदी कहानी
किसी जंगल में एक ऊंट रहता था. वह बहुत ही मुंहफट और बदतमीज था. दूसरों का मजाक उड़ाने में उसे बहुत मजा आता था. वह हमेशा जंगल के अन्य जानवरों, पशुओं और पक्षियों का उनकी शारीरिक बनावट, उनके रंग और आदतों को लेकर उनका मजाक उड़ाता रहता था.
यदि सामने बंदर दिखता तो उससे कहता – “सुन बे बन्दर, तुमने जरुर कोई बड़ा पाप किया होगा जो आदमी बनते- बनते रह गए. लगता है सबकुछ आदमी वाला देने के बाद ईश्वर के पास अक्ल कम पड़ गयी होगी, इसलिए तुमको बन्दर बनाकर जंगल में इस पेड़ से उस पेड पर कूदने के लिए छोड़ दिया.”
भैंस मिल जाय तो उससे कहता – “तुमने कभी अपना काला –कलूटा रूप देखा है? तुमने भगवान् के साथ जरुर कोई शैतानी की है, जो उन्होंने तुम्हारे सिर पर टेढ़े- मेढ़े सींग लगाकर धरती की सुन्दरता को बिगाड़ने भेज दिया है.”
तोते से कहता – “तुमने कभी अपना लाल रंगवाला टेढ़ी चोंच देखा है? ईश्वर ने तुम्हारे साथ ही यह मजाक क्यों किया है, मेरी तो समझ में नहीं आता.”
यदि चलते- चलते रास्ते में हाथी मिल जाता तो उसकी खिल्ली उड़ाते हुये कहता – “छिः, तुम तो बिलकुल कार्टून दीखते हो. इतना विशाल आकार को पतली रस्सी जैसा लटकता पूँछ. इतने बड़े कान और इतनी छोटी-छोटी आँखें. भगवान् ने तो तुम्हें मजाक के क्षणों में ही यह रूप दिया होगा.”
मोर से कहता – “ तुम्हारे पैरों ने तो तुम्हारी सारी खूबसूरती ही समाप्त कर दी. अब नाचते रहो जंगल में यों ही.”
इस तरह से वह बदतमीज ऊंट सबकी खिल्ली उड़ाता रहता था. स्थिति ऐसी आ गयी थी कि रास्ते में कोई जानवर यदि उसे आता देखता तो अपना मार्ग बदल लेता था.
Ser Ko Mila Saba Ser Hindi Story के अलावे इसे भी पढ़ें: नजरिया
लेकिन सच ही कहा गया है कि एक न एक दिन सेर को सवा सेर मिल ही जाता है.
एक बार उसी ऊंट की मुलाकात एक लोमड़ी से हुई. वह लोमड़ी बहुत चालाक और मुंहफट थी. किसी को खरी खोटी सुनाने से वह कभी बाज नहीं आती थी.
ऊंट उसके बारे में कुछ ऐसा-वैसा बोले, उसके पहले ही वह लोमड़ी ऊंट से बोल पडी – “ ओय ऊंट! पता चला है कि तू जंगल के सभी जानवरों और पक्षियों को खरी- खोटी सुनाते फिरता है. यह आदत बदल ले तो तुम्हारे लिए अच्छा होगा. कभी अपनी सूरत जलाशय में पानी पीते वक़्त देखी है? एक तो पत्थर सी आँखें, इतना बड़ा कूबड़ पीठ पर, टॉप जैसी गर्दन, पीले- पीले भद्दे दांत, टेढ़े-मेढ़े पैर. ये बता तू अपने कौन से अंग को अच्छा मानता है? अन्य जानवरों में तो एक या दो कमियां हैं, तुम्हारे शरीर में केवल खामियां ही हैं. यह जंगल यदि बदसूरत कहलायेगा तो तुम्हारी बदसूरती के कारण. तुम्हें अन्य जानवरों के सम्मुख आते हुये शर्म नहीं आती. लगता है भगवान ने तुम्हारी रचना कूड़े- करकट से किया है.”
लोमड़ी के इन वचनों को सुनकर ऊंट का गर्दन शर्म से झुक गया. वह नजर बचाता हुआ वहां से चुपचाप खिसक लिया. उस दिन से उसने दूसरों का मजाक उड़ाना, उनके बारे में उल्टा सीधा बोलना बिलकुल बंद कर दिया. आपको यह हिंदी कहानी कैसी लगी, अपने विचार कमेंट द्वारा दें. धन्यवाद!
Ser Ko Mila Saba Ser Hindi Story के अलावे इसे भी पढ़ें:
- आलसी मत बनें
- पेरेंटिंग हिंदी लघु कथा
- नींद क्यों नहीं आती हिंदी कहानी
- You are Champion – Hindi Story
- मानव सेवा ही सच्ची सेवा है
- एक सच्चा भारतीय
- मोर और कौआ हिंदी कहानी
Join the Discussion!