बात बेगूसराय रेलवे स्टेशन की है. कुछ दिनों पहले की बात है. रात का समय था. मैं ट्रेन के इंतज़ार में रेलवे – प्लेटफार्म पर टहल रहा था.
एक वृद्ध महिला, जिनकी उम्र लगभग 60 – 65 वर्ष रही होगी, मेरे पास आईं और मुझसे खाने के लिए पैसे माँगने लगी… उनके कपड़े फटे. पूरे तार – तार थे. उनकी दयनीय हालत देखकर ऐसा लग रहा था कि पिछले कई दिनों से उनको भोजन भी नहीं मिला है.
मुझे उनकी दशा पर बहुत तरस आया तो मैंने अपना पर्स टटोला. कुछ बीस रुपये के आसपास छुट्टे पैसे और एक हरा “गांधी” मेरे पर्स में था. मैंने वो पूरे छुट्टे उन्हें दे दिए. मैंने पैसे उन्हें दिए ही थे कि इतने में एक महिला एक छोटे से रोते – बिलखते, दुधमुंहे बच्चे के साथ टपक पड़ी. अपने उस छोटे दुधमुंहे बच्चे का वास्ता देकर वो भी मुझसे पैसे माँगने लगी.
मैं उस दूसरी महिला को कोई जबाब दे पाता कि उन वृद्ध माता जी ने वो सारे पैसे उस दूसरी महिला को दे दिए, जो मैंने उन्हें दिए थे. पैसे लेकर वो महिला तो चलती बनी. लेकिन मैं सोच में पड़ गया. मैंने उनसे पूछा- “आपने वो पैसे उस महिला को क्यों दे दिए?” उनका जबाव आया – “उस महिला के साथ उसका छोटा-सा दुधमुंहा बच्चा भी तो था. मैं भूखे रह लूंगी लेकिन वो छोटा बच्चा बगैर दूध के कैसे रह पायेगा? वह भूख के मारे रो भी रहा था.”
उनका ज़बाव सुनकर मैं स्तब्ध रह गया.
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सच ही … भूखे पेट भी कितनी बड़ी मानवता की बात उनके ज़ेहन में बसी थी. उनकी सोच से मैं प्रभावित हुआ, तो उनसे यूं ही पूछ लिया कि यूं दर -बदर की ठोकरें खाने के पीछे आखिर कारण क्या है?
उनका ज़वाब आया की उनके दोनों बेटो ने शादी के बाद उन्हें साथ रखने से इनकार कर दिया. पति भी चल बसे. आखिर में कोई चारा न बचा. बेटों ने तो दुत्कार दिया. लेकिन वो अभी भी हर बच्चे में अपने दोनों बेटो को ही देखती है. इतना कहकर उनकी आँखों में आंसू आ गए. मैं भी भावुक हो गया. मैंने पास ही एक होटल से उन्हें खाने का सामान ला दिया. मैं भी वहा से फिर साइड हट गया.
लेकिन बार-बार ज़ेहन में यही बात आ रही थी कि आज की पीढ़ी कैसी निर्लज्ज है? जो अपनी जन्म देने वाली माँ तक को सहारा नहीं दे सकती? लानत है ऐसी संतान पर! और दूसरी तरफ वो “माँ” जिसे हर बच्चे में अपने “बेटे” दिखाई देते है. धन्य है “मां का प्रेम”. माता न कुमाता हो सकती, पुत्र कुपुत्र भले हो जाए.
यह कहानी 100 % वास्तविक है. मैं अजय कुमार बंटी का धन्यवाद करना चाहूँगा जिन्होंने यह कहानी हमारे साथ शेयर किया.
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