- कहा जाता है कि स्वाइन फ्लू के बारे में जितनी जानकारी हो आप बचाव उतने अच्छे तरीके से कर सकते हैं.
- स्वाइन फ्लू वायरस का प्रवेश केवल नाक और मुंह / गला से ही हो सकता है. इस प्रकार की एक वैश्विक महामारी में, सभी सावधानियों के बावजूद H1N1 के संपर्क में आने से बचना लगभग असंभव है. H1N1 के साथ संपर्क में आना उतनी बड़ी समस्या नहीं, जितना कि इसके प्रसार या फैलाव से है.
यद्यपि आप स्वस्थ हैं और H1N1 के संक्रमण का कोई लक्षण आपमें नहीं दिख रहा है फिर भी इसको फैलने से रोकने के लिए, लक्षण में वृद्धि को रोकने के लिए और संक्रमण को रोकने के लिए कुछ साधारण कदम उठाने होंगे. इसकी दवाइयां N95 या Tamiflu को केमिस्ट शॉप पर ढूंढने की बजाय आप निम्न नियमों का पालन कर सकते हैं.1. लगातार अपने हाथ धोते रहें. हाथों की साफ सफाई का विशेष ध्यान रखें.2. अपने हाथों को अपने चेहरा से दूर रखें. अगर आपको नाक या मुंह छूने का मन हो रहा हो तो अपनी इस भावना को दबाकर अपने हाथों से चेहरा को छूने का कम से कम प्रयास करें.( खाना खाने और नहाने को छोड़कर )
3. गुनगुने पानी में नमक या लिस्ट्रीन डालकर दो बार (सुबह शाम ) कुल्ला करें. H1N1 अपना पूरा प्रभाव इन्फेक्शन के 2-3 दिन बाद दिखाना शुरू करता है. इसका पहला आक्रमण गले या नासिका गुहा में होता है और फिर यह फैलता है. गुनगुने पानी से कुल्ला करने से इसपर उतना ही प्रभाव पड़ता है जितना कि Tamiflu टेबलेट खाने से. इसलिए इस गार्गलिंग को एक सामान्य और सस्ता क्रिया समझकर नजरअंदाज मत करें. स्वाइन फ्लू से लड़ने के लिए यह एक कारगर उपाय है.
4. उसी प्रकार अपने नाक की सफाई भी गुनगुने पानी से करें. इससे वायरस की संख्या में हो रही वृद्धि को रोककर बचाव किया जा सकता है. जल नेति की क्रिया यदि करनी आती है तो कर सकते हैं. रुई के फाहे से नाक की सफाई करें और तेजी से बाहर की तरफ सांस छोड़े.
5. विटामिन सी का सेवन करें. आंवला और अन्य विटामिन सी वाले फलों का सेवन करें. ये फल प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं.
6. चाय, काफी आदि गरम पेय पदार्थ भी लें. ये गर्म पेय पदार्थ गार्गलिंग की तरह ही प्रभावशाली होते हैं. ये गले में स्थित वायरस को पेट में ले जाते हैं जहाँ ये वायरस नष्ट हो जाते हैं.
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