प्रस्तुत पोस्ट History of Makeup in Hindi में हम मेक-अप के इतिहास के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे। यदि मेक-अप का सीधा-सीधा अर्थ देखें तो यह श्रृंगार करना है। आइए श्रृंगार या सजना- संवरना के बारे में जानते हैं।
मेक-अप का इतिहास
शरीर और चेहरे पर मेक-अप और वनस्पति के रंगों के प्रयोग का साक्ष्य विभिन्न पांडुलिपियों और
इतिहास पुस्तकों में दर्ज हैं। नव पाषाण युग में भी पुरूष और महिलाएं अपने शरीर को सजाने के लिए काया लेप और रंगों का प्रयोग करती थीं। उन दिनों मेक-अप का इस्तेमाल मौसम के अनुकूल त्वचा की रक्षा करने के लिए एक छद्मावरण उत्पाद के रूप में किया जाता था। मेक-अप का इस्तेमाल श्रृंगार, जनजातीय पहचान, सामाजिक स्तर और युद्ध व धार्मिक गतिविधियों की तैयारी के रूप में भी किया जाता था। क्लेयोपेट्रा के मेक-अप ने मिस्र की उत्तेजक आंखों को मशहूर कर
दिया था।
इतिहास में मेक-अप में होने वाला बदलाव दर्ज हैः
सन् 1901-29
एलिजाबेथ अर्डेन ने वर्ष 1910 में अपना पहला सैलून शुरू किया था और प्रसिद्ध काॅस्मेटिक श्रृंखला की प्रमुख बनी।
यद्यपि मेक-अप का प्रयोग धीरे-धीरे प्रचलित हो रहा था किंतु अभी भी प्राकृतिक सुन्दरता का प्रचलन था।
नेल पॉलिश का सृजन किया गया। यार्डले और हेलेना रूबेनस्टिन जैसी कंपनियां उभरीं।
सन् 1930 में महिलाओं के चेहरे पर भारी मेक -अप हुआ करता था। सन् 1920 के अंत में पहली बार सुरक्षित संघटकों का उपयोग करते हुए मेक -अप तैयार किया गया।
सन् 1923 में आईलेश कर्लर का आविष्कार हुआ।
सन् 1910 में केवल वेश्याओं द्वारा ही मेक-अप का इस्तेमाल किया जाता था, किंतु सन् 1920 और 1930 की शुरूआत में अन्य महिलाओं ने भी इसका इस्तेमाल शुरू कर दिया।
सन् 1930
1. मैक्सफैक्टर ने 1936 में सौंदर्य प्रसाधन के सैलून की शुरूआत की। मैक्सफैक्टर ने पहली बार वाटर प्रफू केक फाउंडेशन व पैन-केक विकसित किया।
2. चमकीले और गहरे रंगों की नेल पॉलिश का इस्तेमाल किया गया।
3. इस समय सूर्य स्नान का प्रचलन था और जो प्राकृतिक त्वचा के रंग को अधिक रिफ्लेक्ट करता था।
4. प्लास्टिक सर्जरी की शुरूआत हुई।
सन् 1940
सन् 1940 में द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान नियंत्रित वितरण करने के लिए मेक-अप का उपयोग कम किया गया। इस दौरान केवल लाल लिप्सटिक ही सरलता से उपलब्ध थी। इसके परिणामस्वरूप लाल लिप्सटिक 1940 का प्रतीक बन गयी।
सन् 1950
1. सन् 1950 के अंत तक ‘गुआनिन‘ युक्त कई नए मेक-अप की वस्तुएं आ गयीं जो पाउडर और पेंट में झिलमिल चमक देती थीं।
2. पेन-केक मेक-अप प्रसिद्ध हुआ और 1953 में 10 मिलियन से अधिक मेक-अप के सामानों की बिक्री हुई।
सन् 1960
1. सन् 1960 के दौरान कई रूप आये और चली गयीं। 60 के दशक की शुरूआत में म्लान आकृति का प्रचलन था, किंतु दस वर्ष की अवधि के दौरान इस मेक-अप के आगमन से उस मेक-अप का प्रचलन समाप्त हो गया।
2. मिनी स्कर्ट के उभरने से टांगों के मेक-अप की लोकप्रियता बढ़ी।
3. इस दशक के अंत में चेहरे और शरीर पर पेंटिंग लोकप्रिय हुई।
सन् 1970
1. डिस्को का प्रचलन हुआ और इसके परिणामस्वरूप चमकीले और इंद्रधनुषी रंगों की लोकप्रियता बढ़ी ।
2. अराजक युवा को दर्शाता एक उग्र व्यक्ति जिसके बाल का रंग फ्लोरोसेंट और उसमें पिन जड़ा हो तथा वेधित चेहरा एवं युद्ध में भाग लेने वाले सैनिक की तरह पेंट वाले स्टाइल के साथ मेक-अप का प्रचलन शुरू हुआ ।
सन् 1980
1. 1980 के मध्य तक विषम आकृति का प्रचलन था। पलकों पर विभिन्न रंग लगाए जाते थे।
2. भौहों को आकार देना बंद कर दिया गया और इसे स्वाभाविक रूप में रखा जाता था।
सन् 1990 और वर्तमान
1. कुल मिलाकर एक प्राकृतिक त्वचा रंग जिसमें एक बेहतर प्राकृतिक परिसज्जा थी, फैशन में था। होठों पर लाल रंग लगाया जाता था। मैट इसकी कुंजी थी।
2. 1990 के अंत के दौरान चमकदार, भड़कीले और चमकीली मेकअप की व्यापक वापसी हुई।
3. प्लास्टिक सर्जरी तकनीक में सुधार होता रहा और समाज अब पूर्णरूपेण मेकअप चाहता था।
4. 1990 के अंत में मेंहदी के टेटू और बिंदी फैशन का अंग बन गया।
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