प्रस्तुत पोस्ट “कोरोना के बाद अपने जीने का तरीका बदलें” में कोरोना महामारी के बाद उपजी परिस्थिति पर विचार विमर्श करेंगे। इस कोरोना महामारी ने हम सबको सोचने पर मजबूर कर दिया है। आज हमें अपनी -अपनी जीवन शैली में आमूलचूल परिवर्तन लाने की जरुरत है।
पिछले कुछ दशकों से भौतिकवादी प्रचलन ने हमें न पूर्ण रूप से भारतीय रहने दिया है और न ही पाश्चात्य। शहरों में नमस्ते, नमस्कार , प्रणाम जैसे अभिवादन का स्थान हैंडशेक ने ले लिया था लेकिन जैसे ही कोरोना का आक्रमण हुआ भारतीय तो क्या, अमरीकी और यूरोपीय लोग भी नमस्कार की मुद्रा में हाथ जोड़ते दिखने लगे।

अब प्रश्न यह है कि हमें अपने जीने के तरीकों में क्या -क्या बदलाव लाने चाहिए जिससे इस तरह की संक्रमणकारी महामारी से बचा जा सके या इसे रोका जा सके। आइये कुछ मुख्या बिंदुओं पर चर्चा करते हैं।
सोशल डिस्टैन्सिंग Social Distancing
जब से कोरोना महामारी आया है ये दो शब्द सोशल डिस्टैन्सिंग खूब चर्चा में रहा और संक्रमण रोकने का एक कारगर उपाय भी है। इसका मतलब है तन दूरी या एक दूसरे से बराबर दूरी बनाए रखना ताकि कोरोना के चैन को तोड़ा जा सके। आगे भी हमें अपने दैनिक जीवन चर्या में सोशल डिस्टैन्सिंग को शामिल रखे रहना होगा। भीड़ -भाड़ वाले इलाकों में जाने से बचना होगा। अनावश्यक भीड़ या मीटिंग, बाजार जाने से बचना होगा।
मास्क पहनने की आदत डालें Wear Mask
इस कोरोना काल में कई लोगों ने यह भी कहा है कि कोरोना का यह संक्रमण लम्बे समय तक रहेगा। अब हमें इसके साथ जीना सीखना होगा। इसलिए यह जरुरी है कि जब भी बाहर जाएँ तो मास्क लगाकर जाएँ। जिनके पास मास्क नहीं हो तो किसी अन्य कपडे से अपना मुंह और नाक जरूर ढकें। पुरुष गमछा का और महिलायें अपने दुपट्टे या चुन्नी या रुमाल से अपना मुंह -नाक ढककर जाएँ। इस आदत को भी हमें अपने दिनचर्या में अवश्य शामिल करना चाहिए।

हाथों और पैरों की सफाई Hand & Foot Cleaning
भारतीय सामजिक जीवन में यह परंपरा सदैव से रही है कि बाहर से घर के अंदर आने पर हाथों और पैरों को पहले धोया जाता है फिर लोग घर के अंदर प्रवेश करते हैं। लेकिन जबसे ड्राइंग रूम संस्कृति या पाश्चात्य संस्कृति का आगमन हुआ है लोग जूता चप्पल पहने घरों में घुस जाते हैं। हाथ -पैर धोने को उतना सरियसली नहीं लेते हैं। हमें एक बार पुनः उसी भारतीय परंपरा की ओर जाना होगा और हाथ और पैर धोने की आदत अपनानी होगी। जब भी बाहर से आएं, हाथ और पैर जरूर धोएं। आजकल सेनेटाईजर बहुत प्रचलन में आ गया है लेकिन आप इसकी जगह साधारण साबुन का प्रयोग कर सकते हैं। एक खबर यह भी आ रही है कि लंबे समय तक सेनेटाईजर का प्रयोग स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है।
भोजन संबंधी आदतें Sensible Diet
कोरोना महामारी के दौरान एक बात और भी सामने आई है कि जिसकी इम्युनिटी यानी प्रतिरक्षा जितनी अच्छी होगी कोरोना का असर उसपर उतना ही काम होगा। अच्छी इम्युनिटी का विकास एक दिन में संभव नहीं है। इसके लिए आपको लगातार प्रयास करते रहना होगा। भोजन में अपने आस -पास उपलब्ध सामग्रियों में जो भी आपके प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है, उसे ग्रहण करना चाहिए। विटामिन सी के लिए नींबू , मौसमी, संतरा, आंवला जैसे फल खाना चाहिए। भोजन में हल्दी, अदरक, दाल चीनी, गोल मिर्च, जीरा, लहसून, मेथी आदि को शामिल करना चाहिए। सुबह खाली पेट तुलसी, एलोवेरा, गिलोय, नीम आदि के जूस का सेवन किया जा सकता है। यदि आप शाकाहारी हैं तो ठीक है लेकिन यदि आप माँसाहारी हैं तो ज्यादा ध्यान रखें कि आप मीट, चिकन या अंडे जहाँ से भी लें, वह दूकान प्रामाणिक होना चाहिए।
नियमित व्यायाम करें Physical Activity
यदि आप नियमित रूप से व्यायाम करते हैं तो इसके कई फायदे हैं। आपको प्रतिदिन 30 मिनट व्यायाम करने की आदत डालनी चाहिए। चूँकि कोरोना का संक्रमण मनुष्य की श्वसन प्रणाली को अपनी चपेट में लेता है इसलिए श्वास संबंधी प्राणायाम करना चाहिए। अनुलोम -विलोम, कपाल भाति, भस्त्रिका, भ्रामरी और उद्गीत का नियमित अभ्यास करना चाहिए। इससे धीरे -धीरे श्वसन तंत्र मजबूत हो जाता है।

यदि पहले से ही किसी रोग से ग्रसित हैं
कुछ लोग पहले से ही कुछ बीमारियों जैसे दमा, मधुमेह, रक्तचाप, किडनी, लीवर या किसी अन्य बीमारी से ग्रसित हो सकते हैं। ऐसे लोग अपना विशेष ध्यान रखें। यदि अभीतक आप अपनी बीमारी को हलके में ले रहे हैं तो अब समय आ गया है कि आप सीरियस हो जाएँ। अपनी बीमारी का अच्छे से इलाज करवाएं। अस्थमा, शुगर या बीपी को नियंत्रण में रखें। इनका नियमित जांच करवाएं। अपनी दवाई लेते रहें और डॉक्टर द्वारा बताये गए निर्देशों का पालन करें।
हमेशा सकारात्मक रहे Be Positive
यदि आप हमेशा सकारात्मक सोचेंगे तो आपका एनर्जी लेवल हाई रहेगा। किसी भी विपरीत परिस्थिति में घबराएं नहीं। अपने मन को शांत रखें फिर समस्या पर विचार कर उसका हल निकालें। आप अपनी परिस्थिति का मूल्याङ्कन करें। मानव जाति ने अपने संकल्प और विश्वास के दम पर इतनी ऊंचाई पाई है और इतना विकास किया है। यदि हम अपने जीवन में इन परिवर्तनों को शामिल कर आगे बढ़ें तो कोरोना क्या, किसी भी महामारी पर काबू पा सकते हैं। वह दिन दूर नहीं है जब मानव जाति के रक्षक इस वायरस को रोकने के लिए वैक्सीन और दवाइयां जरूर बना लेंगे। भय और संक्रमण के काले बादल एक दिन जरूर छंट जाएंगे। ऐसी आशा और उम्मीद है।
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बहुत ही अच्छी जानकारी शेयर की है आपने
Thanks for sharing valuable knowledge.
Bahut hi important or achi jankari di apne.