प्रस्तुत पोस्ट Gandhiji Swachta Hindi Story में हम गांधीजी द्वारा स्वच्छता का संदेश से संबंधित एक रोचक किस्से के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे। गांधीजी ग्राम सुधारकों के साथ-साथ प्रत्येक व्यक्ति से कहते थे कि हमें वातावरण को स्वच्छ रखने का प्रयास करना चाहिए। वह ऐसा इसलिए कहते थे क्योंकि गंदगी से अनेक बीमारियां होती हैं। जिसके कारण समय से पहले हजारों लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ती है।
गांधीजी का स्वच्छता संदेश
उस समय समाज में उच्च व निम्न जाति के बीच बहुत भेदभाव था। निम्न वर्ग के लोगों के साथ अछूत व्यवहार किया जाता था। कार्यकर्ताओं में अनेक उच्च जाति के लोग भी शामिल थे। एक दिन गांधी जी ने उन सबको एकत्रित किया और बोले कि “आज हम गांव की सफाई करेंगे और इसके लिए हम स्वयं ही मेहतर का काम करेंगे।” यह सुनकर कुछ कार्यकर्ता बोले – “यदि हम मेहतर का काम करेंगे तो गांव वालों पर हमारा जो प्रभाव है वह नहीं रहेगा। उसके बाद हमारे लिए और कोई काम करना संभव नहीं होगा।”
कार्यकर्ताओं की यह बात सुनकर गांधीजी बोले – “नहीं, ऐसी बात नहीं है। जहां कहीं भी कूड़ा-करकट हो, वहां से उसे तुरंत हटा देना चाहिए। गंदगी दूर करने के लिए यदि स्वयं भी मेहतर बनना पड़े तो मेरे विचार से उसमें कोई बुराई नहीं है। वैसे भी गंदगी दूर करने के लिए उठाए गए कदम का किसी पर गलत असर नहीं पड़ सकता।” यह कहकर वे स्वयं ही एक स्थान से गंदगी उठाने लगे।
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उन्हें स्वयं मेहतर का काम करते देखकर कार्यकर्ता में भी जोश आ गया और वे सब मिलकर गंदगी दूर करने में गांधीजी का सहयोग करने लगे। इस प्रकार सभी को मेहतर का कार्य करते देख समस्त गांव वासी भी झाड़ू लेकर सफाई में जुट गए।
देखते ही देखते, कुछ ही देर में, वहां की कायापलट हो गई। सभी का एकजुट होकर प्रयास करने से गांव न केवल स्वच्छ हो गया बल्कि वहां लोगों के दिलों में भी एकता और प्रेम का वास हो गया। इस प्रकार गांधीजी हर छोटे से छोटे कार्य को स्वयं करके एक ऐसी जोत जला देते थे, जो कुछ समय बाद ही आम जनों के हृदय में बैठ जाती थी और लोग उसका पालन करने लगते थे। यही कारण था कि उन्होंने देश के लोगों को आपस में जोड़कर राष्ट्रीय आंदोलन को इतना बड़ा बना दिया कि अंग्रेजों को देश छोड़कर जाना पड़ा।
Gandhiji Swachta Hindi Story का सन्देश आज के परिपेक्ष्य में
साथियो, हमारे कहने का अर्थ यह है कि अभी समस्त विश्व कोरोना के संकट से ग्रस्त है, त्रस्त है। ऐसे में हम सबको चाहिए कि गांधी जी की तरह ही अपने आस-पड़ोस को लगातार सहयोग से सैनिटाइज करते रहें। अपना भी ध्यान रखें। सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन करें।
कई लोगों ने यह भी कहा है कि अब हमें कोरोना वायरस के साथ ही जीना सीखना होगा। इसलिए यह जरूरी हो जाता है कि हम लोग आपस में एकता का परिचय देते हुए सभी गरीबों, भूखे, लाचार, मजबूर, जरूरतमंदों का ध्यान रखें और यथासंभव उनकी सहायता करते रहें। तब जाकर ही हम सच्चे अर्थों में गांधी जी के आदर्शों का अनुपालन करने वाले कहला सकते हैं। सबसे पहले आप अपना ध्यान रखें और उसके बाद अपने आस पड़ोस का। आपने यह पोस्ट पढ़ा, इसलिए आपका बहुत-बहुत आभार।
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Aorlin says
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Rishab says
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