पिछले पोस्ट में हमने अस्थमा के उपचार हेतु सुखासन पर विस्तार से चर्चा की थी. इस पोस्ट यानी Chakrasana for Asthma in Hindi में अस्थमा को चक्रासन के द्वारा किस प्रकार नियंत्रित किया जा सकता है, इसके विषय में जानकारी प्राप्त करेंगे.
चक्रासन Chakrasana for Asthma in Hindi
व्हील पोज या चक्रासन (चक्र का अर्थ पहिया होता है) को ऊर्ध्व धनुरासन या ऊपर की ओर मुख वाली धनुष मुद्रा के नाम से भी जाना जाता है। पीछे झुकने वाली मुद्रा को कलाबाज़ी और जिमनास्टिक में ‘बैक ब्रिज’ कहा जाता है। यह अष्टांग विन्यास योग की अंतिम कड़ी है। शास्त्रीय योग के इस आधुनिक संस्करण को के पट्टाभि जोइस ने लोकप्रिय बना दिया था।
विधि
- इस आसन की शुरुआत भुजंगासन के अभ्यास से आरंभ की जा सकती है ।
2. पीठ के बल लेट जाएँ और पैरों को फैलाएँ। फिर घुटनों को मोड़ें और अपने पैरों को कूल्हों के करीब लाएँ।
3. अपने हाथों को मोड़ें और हथेलियों को कंधों के नीचे लाएँ। दोनों कोहनियों के बीच थोड़ी दूरी होनी चाहिए।
4. अंदर की तरफ साँस खींचें और अपनी हथेलियों से ज़मीन पर दबाव बनाएँ।
5. अपनी कोहनियों का उत्तोलक यानी लीवर की तरह इस्तेमाल करके अपने कंधों को ऊपर उठाएँ। अपनी दोनों हथेलियों और पैरों से ज़मीन पर जितना बना सकते हैं, दबाव बनाएँ।
6. अब अपने कूल्हों को ऊपर उठाएँ जिससे आपकी रीढ़ अर्द्धवृत्त यानी सेमी सर्कुलर आकार में आ जाए।
7. जितना संभव हो अपने हाथों और पैरों को तानें, जिससे कूल्हों और सीने को ऊपर उठाया जा सके । इस स्थिति में कम से कम 15 से 30 सेकंड तक रहें।
8. इस मुद्रा से वापस आने के लिए कोहनी मोड़कर अपने सिर और कंधों को ज़मीन तक लाएँ। फिर घुटनों को मोड़ें और अपनी रीढ़ और कूल्हों को नीचे की तरफ लाएँ। सामान्य रूप से साँस लेते रहें।
लाभ
- चक्रासन से हमारे फेफड़े खुलते हैं और छाती व कंधे फैलते हैं। साँस के माध्यम से साफ़ हवा अंदर जाने के कारण यह आसन अस्थमा के मरीज़ों के लिए बहुत लाभदायक है।
- इसके अलावा इससे कंधों की हड्डियाँ, कलाई, हाथ, पैर, रीढ़, नितंब, दिल और कूल्हों की मांसपेशियाँ मज़बूत होती हैं।
- इससे थायराइड और पीयूष ग्रंथि की गतिविधियों में भी सुधार होता है।
- इसके अभ्यास से पेट की चर्बी कम होती है। तनाव और अवसाद दूर होते हैं।
सावधानियाँ
1. कार्पल टनल सिंड्रोम, पीठ में चोट, रक्तचाप, सिरदर्द, डायरिया, हर्निया या दिल की बीमारियों से पीड़ित लोगों को इस आसन को करने की सलाह नहीं दी जाती है।
2. गर्भवती महिलाओं को भी यह आसन नहीं करना चाहिए।
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Harnaaz Sandhu says
Bahut badhiya aasan hai isase swasthya sahi rahata hai